शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने कराई निबन्ध प्रतियोगिता
बहसूमा।शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास मेरठ प्रान्त द्वारा डी०पी०एम० महाविद्यालय में ‘आत्मनिर्भर भारत में हिन्दी भाषा का योगदान’ विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता व आशु भाषण का आयोजन कराया गया l जिसमे सभी छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। जिसमे छात्र-छात्राओं ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हिन्दी भाषा किस-किस तरह से और कहाँ-कहाँ पर उपयोगी हो सकती है, से सम्बंधित अपने-अपने विचारो को निबन्ध के रूप में लिखकर व वक्तव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया l निर्णायक मंडल में डॉ. कुलदीप कुमार, डॉ. मोनपाल, डॉ. पंकज कुमार ने निबन्धों को जांचकर रीतिका जैनर को प्रथम, अरिन सिरोही को द्वितीय व आजाद को तृतीय स्थान पर घोषित किया l इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की महिला कार्य विभाग की मेरठ प्रान्त सहसंयोजिका श्रीमती सोनम ने कहा कि हिन्दी भाषा को आज सही ढंग से समझकर यदि उसका ठीक से उपयोग करेंगे तो इसके माध्यम से रोजगार के विभिन्न अवसर सामने आयेंगे और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देंगे l प्रसिद्ध समाजसेवी जगदीश त्यागी ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए हिन्दी भाषा का महत्व सर्वाधिक है, अपनी मातृभाषा के माध्यम से हम रोजगार के प्रत्येक क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर तक पहुँच सकते है l शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के मेरठ प्रान्त अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने से ज्यादा महत्वपूर्ण उसमे सहभागिता करना होता है और हम हिन्दी भाषा के माध्यम से सहभागिता कर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना जो योगदान देते है, वह भारत को विश्वगुरु बनाने में अपनी विशेष भूमिका निभाता है l इस अवसर पर महाविद्यालय में अन्य शिक्षको ने भी अपने विचार रखे तथा सभी छात्र-छात्राओं ने भी अपनी सहभागिता की l