डी.पी.एम. इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर स्वभाषा सप्ताह आरम्भ 

डी.पी.एम. इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर स्वभाषा सप्ताह आरम्भ 

बहसूमा। बुधवार को डी.पी.एम. इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन बहसूमा में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास मेरठ प्रान्त के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की महिला कार्य प्रान्त सहसंयोजिका डॉ. सोनम, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ. मोनपाल व अंकित  सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक उपस्थित रहे l महाविद्यालय की छात्रा कु. मीनाक्षी ने 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के इतिहास पर प्रकाश डाला।  डॉ पंकज कुमार ने मातृभाषा के विषय में कहा कि हमें अधिकतम कार्य अपनी मातृभाषा में ही करने चाहिए जिससे मातृभाषा का सम्मान बढ़ेगाl शिक्षा संस्कृति उत्थान के प्रान्त अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्ष 2024 में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का शीर्षक  "बहुभाषी शिक्षा अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है l" उन्होंने आगे कहा कि प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है । यह दिन भाषा, भाषा संरक्षण, और सांस्कृतिक विविधता को समर्पित है, जिसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के महत्व को बढ़ावा देकर जनमानस को उनकी मातृभाषा के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करना तथा मातृभाषाओं के संरक्षण और प्रचार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है l
बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक समाज अपनी भाषा के माध्यम से आगे बढ़ते हैं जो पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत के लिए वाहक के रूप से कार्य करते हैं l शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की महिला कार्य प्रान्त सहसंयोजिका डॉ. सोनम अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य मातृभाषा में शिक्षक और प्रचार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना बताते हुए कहा कि हम यह सप्ताह स्वभाषा सप्ताह के रूप में मनाएंगे l डॉ. कुलदीप शर्मा ने कहा कि माँ, मातृभाषा और मातृभूमि हमारी सभ्यता, संस्कृति और संस्कार के स्रोत होते हैं, ये हमें समाज से 'जुड़ना' सिखाते हैं।