डेंगू से बचाव के लिए उपचार के साथ साथ जागरूकता अभियान भी चलाए: डीएम

डेंगू से बचाव के लिए उपचार के साथ साथ जागरूकता अभियान भी चलाए: डीएम

रायबरेली। जिलाधिकारी  माला श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू से बचाव के उपाय के लिए उपचार के साथ साथ प्रत्येक स्तर पर गहन जागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रयास यह होना चाहिए कि डेंगू जैसी बीमारी होने ही न पाये, इसके लिए मच्छरों से बचने के हर संभव उपाय किये जाने चाहिए।
जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों सहित जनपद के समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर सम्बन्धित पंचायत आदि से समन्वय स्थापित कर डेंगू से बचाव के लिए उपचार के साथ साथ मच्छरों से बचाव के लिए संवाद स्थापित कर जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर एण्टी लार्वा का छिड़काव, चूना छिड़काव, फागिंग, साफ-सफाई तथा जल निकासी की समुचित व्यवस्था नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने डेंगू के लक्षण एवं बचाव तथा अन्य संचारी रोगों के नियंत्रण एवं बचाव के बारे में निरंतर जन जागरूकता के माध्यम से जागरूक करते रहने को कहा। उन्होंने कहा कि कूलर, कंटेनर, गमले, हैंड पाइप, खाली प्लाट, बेसमेंट आदि में साफ-सफाई के बारे में लोगों को  निरन्तर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में फागिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाये।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया सीएचसी/पीएचसी सहित सभी अस्पताल में साफ-सफाई एवं दवाओं सहित सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित रहे। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में डी0पी0आर0ओ0 एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर ले तथा कहीं पर भी जल-जमाव न होने पाये तथा साफ-सफाई, दवाओं के छिड़काव आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बच्चों को एसेम्बली के दौरान संचारी रोग नियंत्रण संबंधित बचाव के बारे में जागरूक किया जाए। डेंगू के सम्बन्ध में क्या करे और क्या न करें के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाए। उन्होंने नगर पालिका/नगर पंचायतों के ईओ से कहा कि उनके क्षेत्रों में निराश्रित गोवंशों को आश्रय स्थलों व गौशालाओं में पहुचाएं और गौशालाओं में गोवंशों के रख-रखाव आदि की सभी प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गोवंश शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क आदि पर कही नजर न आएं।