कैराना। नगर निकाय चुनाव को लेकर कैराना मे बन्दरो पर राजनीति हुई शुरू कस्बे की राजनीति गलियारो मे पालिकाध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी अपनी निगाहे पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर लगाये बैठे है। पूर्व चैयरमैन से लेकर वर्तमान पालिकाध्यक्ष तक चुनावी मैदान मे अपनी ताल ठोक रहे है अब जनताजर्नाधन को फैसला करना है कि पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर किसको ताज पहनाकर बैठाते है लेकिन राजनीतिक गलियारो मे पालिका चुनाव को लेकर अब बन्दरो पर राजनीति शुरू हो गई है। आपको बताते चले कि कस्बे मे बन्दरो के आतंक से कस्बे की जनता अत्यन्त परेशान होती दिखाई दे रही है मौसम परिवर्जन को देख सूरज की तपिस का आनन्द लेने के लिये महिला बुजुर्ग बच्चे अपने मकान दुकान की छत पर बैठते है तो बन्दरो के डर के कारण धूप का भी आनन्द नही ले पा रहे है। कस्बे मे इस समय बन्दरो के आतंक चुनावी मैदान मे चर्चा का विषय बना हुआ है। कस्बे मे चर्चा है कि जो पालिकाध्यक्ष प्रत्याशी बन्दरो के आतंक से छुटकारा दिलायेगा उसको जनता जर्नाधन अपना समर्थन देगी। बन्दरो का आतंक इस कदर सर चढकर बोल रहा हे कि धार्मिक स्थलो पर भी दर्जनो बन्दर मण्डराते हुये नजर आते है जिससे कस्बे व आस पास के लोगो को पूजा अर्चना व नमाज मे परेशानी का सामना करना पड रहा है। उधर पूर्व मे भाजपा नेता की धर्मपत्नी की बन्दरो के चपेट मे आने से मौत हो गई थी इसके अलावा कस्बे मे कई घटनाओ को बन्दरो ने अंजाम दिया है जिसके चलते प्रशासन ने कस्बें से कुछ बन्दरो को पकडवाया था लेकिन अब दोबारा कस्बे मे बन्दरो का आतंक पनप रहा है। बन्दरो के आतंक के कारण फल, सब्जी विक्रेता व व्यापारियो मे भी दहशत का माहौल है। उधर छोटे -छोटे बच्चे व महिलाओ मे बन्दरो के आतंक से दहशत का माहौल व्याप्त है। कस्बे वासियो का कहना है कि जो बन्दरो से दिलायेगा छुटकारा वो ही चैयरमैन होगा हमारा। अब देखना यह है कि कौन सा प्रत्याशी जनता की इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा करता है।