धर्मांतरण़ की सूचना पर ख़बर लेने पहुँचे पत्रकार के साथ निर्भय दबंगों ने की मार पीट

रविवार की सुबह धर्मांतरण़ की ख़बर की सच्चाई जानने पहुँचे ख़बर नबीस को प्रधान प्रतिनिधि व उसके गुर्गों ने मार पीट कर किया घायल।क्षेत्रीय विधायक व ब्लॉक प्रमुख के प्रति भी किया अभद्र भाषा का प्रयोग।

उन्नाव /ब्यूरो महेंद्र राज

एक ओर जहाँ सनातन की धरोहर को सहेजने व संभालने के लिऐ विभिन्न धार्मिक दल हर संभव प्रयासरत् हैं और धर्मांतरण़ व धर्म विशेष पर बनी बॉलीवुड फिल्म *द केरला स्टोरी* बाक्स आफिस पर दिन प्रतिदिन नऐ कीर्तिमान स्थापित करती जा रही है वहीं दूसरी ओर हम सनातनी धर्म से जुड़े वर्णं विशेष के लोग विभिन्न धार्मिक कुटैवों मे फँस कर धर्म परिवर्तन को आतुर हैं।यद्यपि विभिन्न धार्मिक सभ्यताओं को सहेजे हमारे संविधान मे सभी धर्मों व वर्गों को समान सम्मान व दर्जा प्राप्त है पर यह भी उल्लिखित है कि वर्तमान देश काल व परिस्थिति मे किसी का भी किसी को प्रलोभन दे कर धर्म परिवर्तन कराना न सिर्फ निंदनीय है अपितु असंवैधानिक व दंडनीय भी है वो भी उस धर्म मे परिवर्तन जिससे जुड़े लोगों ने हमारे मुल्क से विदा लेते वक्त दो संप्रदायों के बीच एक कभी न मरम्मत हो सकने वाली दीवार खींच कर हमारे मुल्क को दो टुकड़ों मे विभाजित करने मे कोई कसर नहीं रख़ छोडी़ हो।

ताजा प्रकरण़ उन्नाव जनपद के कलम व तलवार के धनी माने जाने वाले क्षेत्र बैसवारा की भगवंत नगर वि.स के सुमेरपुर ब्लॉक के ग्राम सभा बक्सर का प्रकाश में आया है।
जहाँ थाना बारा सगवर क्षेत्र के बक्सर चौकी अंतर्गत ग्राम सभा बक्सर में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा ब्रह्मा खेड़ा चर्च
में भोले-भाले ग्रामीणों का धर्मांतरण कराने की सूचना पर सत्यापन व ख़बर की कवरेज करने पहुँचे पत्रकार ऋषि त्रिवेदी के साथ बेख़ौफ़ ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने अपने गुर्गों के साथ मिल कर न सिर्फ मारपीट की बल्कि वर्णं विशेष समेत क्षेत्रीय विधायक व ब्लाक प्रमुख को भी अपनी वार्तालाप मे अपशब्दों से नवाजा।शुःशासन के इस दौर में आख़िर कौन है इस दुःसाहस की प्रेरण़ा ? मिशनरियां ? राजनीतिक विरोधी ? या प्रशासन की ढील ?बताते चले कि पूर्व काल से ही इस पूरे क्षेत्र मे धर्मांतरण़ के हेतु प्रस्तावित धर्म के अनुयायियों की संख़्या लगभग पूर्णतःनगण़्य है।अतः इस क्षेत्र में उक्त धर्म का आराधना स्थल आखिर क्यों? व कैसे?शायद दिग्भ्रमित क्षेत्रीय नागरिकों की लालसा या क्षेत्रीय प्रशासन की संज्ञा सून्यता।हैरतंगेज यह भी है की बजाय धर्मांतरण को रोकने के पुलिस ने पीड़ित पत्रकार ऋषि त्रिवेदी को ही घायलावस्था में नाक से ख़ून बहते हुऐ ही बारा सगवार थाने में बैठाये रखा।पीड़ित पत्रकार के अनुशार प्रधान प्रतिनिधि व उसके गुर्गे मौके पर मारपीट करते वक्त उसको विभिन्न धाराओं मे फँसाऐ जाने की धमकियां भी दे रहे थे।

घटना की सूचना प्राप्त होते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता व प्रतिनिधि भारी संख़्या में थाने पर मौजूद रहे व घटना पर रोष जताया।ख़बर लिखे जाने तक थाना प्रभारी से इस विषय वस्तु के बाबत कोई भी समुचित जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।