आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जी मरीजों को भर्ती कर लगाया जा रहा लाखो का चूना

आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जी मरीजों को भर्ती कर लगाया जा रहा लाखो का चूना

आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप

- बड़े स्तर पर सामान्य मरीजों को भर्ती कर किया जा रहा है फर्जीवाड़ा

- सरकार को लगाया जा रहा है लाखों करोड़ों का चूना


थानाभवन- सामान्य ओपीडी वाली बीमारियों में भी मरीज को भ्रमित कर एवं डरा कर आयुष्मान कार्ड के नाम पर लाखों रुपए डकारने का काम अस्पताल में जारी है। मरीज को हफ्तों तक बिना किसी कारण ही अस्पताल में भर्ती किया जाता है। मामले की गंभीरता से जांच हो तो आयुष्मान के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने का बड़ा खुलासा हो सकता है।
शामली जनपद के थानाभवन क्षेत्र में दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाईवे मार्ग पर स्थित एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में अक्सर सामान्य ओपीडी वाली सर दर्द नजला जुकाम पेट दर्द आदि की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों को अस्पताल कर्मी बड़ी गंभीर बीमारी के नाम पर डरा कर अस्पताल में भर्ती कर लेते हैं। यह उन मरीजों के साथ ज्यादा संख्या में किया जाता है जिनका आयुष्मान कार्ड बना हुआ होता है या कोई हेल्थ पॉलिसी होती है। ऐसे कई मरीजों को अस्पताल कर्मियों ने सामान्य बीमारियों में ठीक होने के बाद भी एवं ऐसी बीमारी जिनमें भर्ती की कोई आवश्यकता नहीं है मरीजों को सप्ताह भर तक भर्ती कर आयुष्मान कार्ड से पैसे निकालने का काम किया है। थानाभवन निवासी एक महिला को जिसका आयुष्मान कार्ड बना था सर दर्द होने के चलते अस्पताल में परिजन सामान्य रूप में चिकित्सकों को दिखाने पहुंचे थे, लेकिन परिजनों ने जैसे ही बताया कि महिला का आयुष्मान कार्ड बना हुआ है उसके बाद मरीजों को ऐसा डराया की भर्ती कर लिया और अब लगभग 1 सप्ताह होने को है लेकिन मरीज को छुट्टी नहीं दी जा रही है। परिजनों ने बताया कि उन्हें बिना कारण ही भर्ती किया गया है। सरकार को तो चूना लगा ही रहे हैं लेकिन उन्हें भी मानसिक व शारीरिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड या अन्य हेल्थ पॉलिसी होती हैं जिनका अस्पताल में पंजीकरण है। ऐसे पॉलिसी धारकों के साथ मिलकर उनसे सांठगांठ कर स्वस्थ होने के बाद भी उन्हें बीमारी के नाम पर फर्जी बिल बना कर दिया जाता है एवं एडमिट तक दिखाया जाता है। जिससे फर्जीवाड़े से लाखों रुपए का आपस में बंदरबांट किया जा रहा है। इस मामले में ज्यादा जानकारी के लिए उच्च अधिकारियों से फोन पर वार्ता करने के लिए फोन किया गया तो फोन नहीं उठाया गया।