नवजात का अस्पताल में झोलाछाप से इलाज के कारण हालत बिगड़ी

आयुष्मान कार्ड में भी चल रही हेरा फेरी

नवजात का अस्पताल में झोलाछाप से इलाज के कारण हालत बिगड़ी

नवजात का अस्पताल में झोलाछाप से इलाज के कारण हालत बिगड़ी

अवनीश शर्मा 

- अस्पताल पर लगाया झूठ बोलकर झोलाछाप चिकित्सक से इलाज कराने का आरोप

- थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग

थानाभवन- प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के बाद पैदा हुए नवजात शिशु का झोलाछाप द्वारा इलाज करने के बाद तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे मुजफ्फरनगर के प्राइवेट चिकित्सक के यहां पर भर्ती कराया है जहां नवजात शिशु की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं परिजनों ने अस्पताल पर झूठ बोलकर फर्जी चिकित्सक से इलाज कराने का आरोप लगा। पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। प्राइवेट अस्पताल इससे पहले भी कई बार विवादों में घिर चुका है।

जनपद शामली के थानाभवन निवासी राव फैसल पुत्र मुस्तकीम ने थाना अध्यक्ष को एक शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसकी पत्नी हिना को प्रसव पीड़ा होने के कारण जलालाबाद के दिव्या पैरामेडिकल अस्पताल में 21 मई 2023 को भर्ती कराया गया था। अस्पताल संचालक से पूछने पर उन्होंने अपने यहां प्रशिक्षित एवं डिग्री धारक चिकित्सक द्वारा डिलीवरी कराने की बात कही थी। उसकी पत्नी को अगले दिन 22 मई 2023 को ऑपरेशन के द्वारा एक पुत्र का जन्म हुआ। आरोप है कि जन्म के बाद से नवजात शिशु हमजा की हालत खराब होने लगी। हालात खराब होने पर अस्पताल कर्मियों ने बच्चे को किसी अन्य अस्पताल में ले जाकर उपचार कराने के लिए कहा। जिसके बाद 23 मई को मुजफ्फरनगर के डॉक्टर गिरीश के पास नवजात शिशु को लेकर पहुंचे। जहां अब नवजात शिशु हमजा का उपचार चल रहा है। हमजा के फेफड़ों में इंफेक्शन एवं दिमाग में सूजन बताई जा रही है। जहां उसकी हालत अभी गंभीर बनी हुई है। पीड़ित ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली की जन्म के बाद से ही प्रशिक्षित चिकित्सक की जगह उनके नवजात शिशु हमजा का इलाज एक फर्जी झोलाछाप चिकित्सक के द्वारा कराया गया है और उसके शरीर में गंदा पानी भी रह गया। जिस कारण अब नवजात शिशु की जान पर बन आई है। पीड़ित फैसल ने अपना वीडियो बयान जारी कर सोशल मीडिया में वायरल किया है। जबकि लिखित शिकायत पत्र थाना प्रभारी मुख्यमंत्री पोर्टल एवं ट्वीट के माध्यम से भी स्वास्थ्य विभाग व अन्य कई अधिकारियों को अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायत की है। ज्ञात हो कि उक्त अस्पताल इससे पहले भी आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़े से धन निकालने एवं मरीजों को गलत उपचार करने को लेकर विवादों में रह चुका है लेकिन करवाही ना होने की वजह से आम जनता में भारी रोष है लोगो का कहना है कि आयुष्मान कार्ड के नाम पर मरीजों को भर्ती करने के मामले में कई वीडियो वायरल हो चुकी गई लेकिन हॉस्पिटल संचालक सेटिंग के चलते साठ गांठ कर बच जाता है , लेकिन कोई करवाही नही होती । मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है।

 संचालक नरेंद्र सिंघल का कहना है कि आरोप लगाने वाले राव फैसल की पत्नी उनके यहां अस्पताल में भर्ती है वह इलाज के पैसे कम कराने के लिए इस तरह का आरोप लगा रहे हैं।

सुनील पुंडीर - इनका कहना है के कई बार वीडियो वायरल होने के बाद भी सरकार की योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है लेकिन कोई करवाही नही होती इसीलिए इनके हौसले बुलंद है

लोगो ने की थी आयुष्मान फर्जीवाड़े की शिकायत अधिकारियों से साठ गाठ कर बचा ली जान जब अधिकारी ही सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे है तो ऐसे में हॉस्पिटल मालिक को बढ़ावा भी अधिकारी ही दे रहे है ।

आयुष्मान कार्ड धारकों से एक आदमी से मांगते है सभी के आयुष्मान कार्ड बारी बारी से करते है खेला प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना को केवल खेल बना कर रख दिया है । लोगो का कहना है की शिकायत करे भी तो कान्हा घूम फिरकर फिर अधिकारियों के पास आ जाती है फिर वही सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने के काम अधिकारी कर रहे है जो जांच सही नही हो रही