कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मैक्स अस्पतालों के विशेषज्ञों ने बताया जागरूकता को बड़ा हथियार

कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मैक्स अस्पतालों के विशेषज्ञों ने बताया जागरूकता को बड़ा हथियार

नगर के मेडिसिटी अस्पताल में हुआ सेमिनार

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बागपत।आजकल कैंसर के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में कैंसर का सही इलाज और इसको लेकर जागरूकता की कमी को लेकर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शालीमार बाग नई दिल्ली ने बड़ौत के मेडिसिटी हॉस्पिटल के साथ मिलकर एक कैंसर जागरूकता सत्र का आयोजन किया।

मैक्स में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ राजेंद्र कुमार ने कहा कि ,खराब जीवनशैली की आदतों को अपनाने से हर साल कैंसर की संख्या में अभूतपूर्व तरीके से इजाफा हो रहा है। कैंसर को समझने में हालिया प्रगति और मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं कैसे दें, इससे हमें कैंसर को रोकने और इलाज के लिए बेहतर रणनीति विकसित करने में मदद मिली है। 

मैक्स के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ वसीम अब्बास ने कहा कि ,कैंसर के मरीजों में आमतौर पर देर से इलाज, जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच की कमी जैसे कारण जानलेवा होते हैं, लेकिन न्यूक्लियर मेडिसिन और पीईटीसीटी जैसे उन्नत माध्यम से कैंसर का पता लगाने के साथ, मरीज के पास सफल इलाज का सबसे अच्छा मौका है।

मैक्स की गाइनी-ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट अलका दहिया ने कहा कि ,महिलाओं में स्तन कैंसर, एंडोमेट्रियल,सर्वाइकल और डिम्बग्रंथि के कैंसर से संबंधित बीमारी, मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में उनके लक्षणों, रोकथाम और इलाज के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाना ज़रूरी है। जागरूकता सेशन के दौरान मैक्स के पल्मोनोलॉजी विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ इंदर मोहन चुघ ने कहा कि, जनता के बीच एक आम धारणा रही है कि ,टीबी और फेफड़ों का कैंसर समान है, क्योंकि दोनों के लक्षण समान हैं, लेकिन फेफड़े का कैंसर फेफड़े के ऊतकों की असमान्य और अनियंत्रित वृद्धि है।