चित्रकूट-आयुर्वेद चिकित्साधिकारी बनकर प्रतिमा ने रोशन किया क्षेत्र का नाम।
चित्रकूट: समाज में दहेज के लिए बेटियों को प्रताड़ित किया जाता है, लेकिन ऐसे भी परिवार हैं जो बहू को बेटी मानकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। जिला मुख्यालय की प्रतिमा त्रिपाठी ने शादी के बाद पति और सास-ससुर के प्रोत्साहन और अपनी खुद की मेहनत से अपनी पढ़ाई जारी रखी है और आयुर्वेद चिकित्साधिकारी बनकर घरेलू महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं। वह अपनी कामयाबी का श्रेय सास-ससुर और पति को देती हैं।
पकौवा देवी संस्कृत महाविद्यालय मानिकपुर के प्राचार्य एवं सरैया निवासी स्व राममिलन त्रिपाठी की बेटी प्रतिमा शुरू से ही पढ़ने में होशियार थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई आदर्श इण्टर कॉलिज मानिकपुर से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलिज जबलपुर से बीएएमएस किया। इसके बाद पिता ने प्रतिमा की शादी कर्वी के हरिकृष्ण मिश्र के साथ कर दी। जहां ससुराल में भी पढ़ाई जारी रखने के लिए ससुरालीजनों ने प्रोत्साहित किया। जिसके बाद प्रतिमा परिश्रम से सफलता का परचम लहरा दिया और अपने पहले ही प्रयास में यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर आयुर्वेद चिकित्साधिकारी बन गई। उनके अफसर के पद पर चयन होने पर उनके परिवार व पूरे इलाके में खुशी का माहौल है। प्रतिमा अपनी कामयाबी का श्रेय अपने सास-ससुर, पति और अध्यापकों को देती हैं। उनकी प्रेरणा के श्रोत उनके ससुर लवकुश मिश्रा हैं, जो बैंक अधिकारी के पद से सेवानिवृत होने के बाद अपनी बहू के सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्तमान समय में प्रतिमा फर्रुखाबाद मेडिकल काॅलिज से मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की तैयारी कर रही हैं। गृहणियों के लिए प्रेरणा श्रोत बनी प्रतिमा का कहना है कि शिक्षा में ही विकास का मूल व्याप्त है। शिक्षा एक ऐसा यंत्र है, जो सभी को जीवन में आगे बढ़ने और कामयाब होने के साथ ही जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों पर जीत प्राप्त करने की क्षमता देती है। इसलिए सभी को परिश्रम से पीछे नहीं हटना चाहिए। पूरा समाज डॉ प्रतिमा और उनके परिवार की उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए हर्ष व्यक्त किया।