अमेरिका के बाद अब भारत से भी डरने लगा ड्रैगन! चीन ने सीमा पर की 'गुआम किलर' की तैनाती, जानें कितना खतरनाक है यह मिसाइल
नई दिल्ली. चीन पहले से ही दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनने की होड़ में लगा हुआ है. कुछ साल पहले तक तो ये रास्ता उसके लिए आसान था. क्योंकि सिर्फ अमेरिका से ही उसे चुनौती मिलती थी. लेकिन अब भारत से मिलने वाली चुनौती ने उसके इस राह में अड़ंगा लगा दिया है. गुआम मिलेट्री बेस पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती चीन के लिए ताइवान पर क़ब्ज़े का सबसे बड़ा रोड़ा है. उसी रोड़े को खत्म करने के लिए चीन लगातार अपने रॉकेट फ़ोर्स की ताक़त को बढ़ा रहा है. गुआम किलर को साल 2016 में शामिल किया गया उसी के तहत चीन ने साल 2016 में अपनी रॉकेट फ़ोर्स में डांग फ़ेंग को शामिल किया, जिसे नाम दिया गया गुआम किलर यानी की गुआम को आसानी से हिट कर सकता है. इससे साफ जाहिर होता है कि अमेरिका चीन के लिए कितनी बड़ी चुनौती है. लेकिन अब जब इस गुआम किलर को WTC कमॉड में अलग ब्रिगेड शामिल किया गया है तो ये साफ जाहिर होता है कि चीन अब भारत को भी बड़ा खतरा मानने लगा है.
गुआम किलर की रेंज 4000 से 5000 किलोमीटर की है
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत को ध्यान में रखते हुए चीनी पीएलए ने वेस्टर्न थियेटर कमॉड में नया मिसाइल ब्रिगेड को स्थापित किया है. ये चीनी 64 मिसाइल बेस का हिस्सा है. इस ब्रिगेड में इंटरमीडिएट रेंज बेलॉस्टिक मिसाइल DF-26 की तैनाती की गई है. इस मिसाइल की रेंज 4000 से 5000 किलोमीटर है. ये मिसाइल सिस्टम 10 पहिए वाली गाड़ी पर तैनात है, जिसे आसानी से ज़रूरी के हिसाब से मूव किया जा सकता है.
गुआम किलर की ट्रेनिंग ड्रिल भी हुई शुरू
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ हाल ही में इस नए मिसाइल ब्रिगेड पर ट्रेनिंग ड्रिल भी शुरु की जा चुकी है. Hanzhong County जहां 64 बेस का हेडक्वाटर हैं, वहा से 100 किलोमीटर दूर पूरी यूनिट टेस्टिंग ट्रेनिंग के लिए ज़ाया गया है. चीन की इस ब्रिगेड की तैनाती भारत के अग्नि 5 के जवाब में की गई है. भारतीय अग्नि 5 की जद में बीजिंग सहित चीन के बडे शहर हैं. अगर PLA रॉकेट फ़ोर्स की बात करें तो चीनी रॉकेट फ़ोर्स के कुल 9 बेस हैं. नंबर के हिसाब से देखें तो 61 से 66 बेस ब्लॉस्टिक मिसाइल ऑप्रेशन के लिए , 67-69 बेस सपोर्ट ऑप्रेशन के लिए हैं.
अमेरिकी रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया था कि DF-26 की जंग में पूरा भारत और हिंद महासागर क्षेत्र का आधा हिस्सा आ जाता है. हालांकि ये भारत ने इस गुआम किलर“ DF-26 मिसाइल का तोड़ भी तैनात कर दिया है. यानी की S-400 एयर डिफेंस सिस्टम चीन के किसी भी गुआम किलर को ध्वस्त कर सकता है. चीनी की बैखलाहट का नतीजा इसी आंकड़ों से साफ नज़र आ जाता है कि पीएलए रॉकेट फ़ोर्स ने साल 2020 में 250 से ज़्यादा बैलेस्टिक मिसाइल टेस्टिंग और ट्रेनिंग के लिए लॉन्च किए गए थे, जो कि बाक़ी दुनिया भर में लॉन्च किए गए बैलेस्टिक मिसाइल से कई गुना ज़्यादा है.