शरदकालीन गन्ना बुआई प्रबंधन , कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दिया प्रशिक्षण
संवाददाता शशि धामा
खेकड़ा | क्षेत्र के बसी गांव में कृषि वैज्ञानिकों ने कृषक गोष्ठी में शरदकालीन गन्ना बुआई के प्रबंध के टिप्स दिए तथा खेत में पोषक तत्वों की कमी का पता लगाने को मिट्टी की जांच कराने की बात कही |
बसी गांव में मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में एक दिवसीय कृषक गोष्ठी व प्रशिक्षण का आयोजन हुआ। कृषि वैज्ञानिक डा विकास मलिक ने किसानो से गन्ने की शरद कालीन बुवाई पर चर्चा की तथा बताया कि ,शरदकालीन गन्ने की बुवाई के लिए 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसकी खेती अगेती धान के बाद आसानी से की जाती है।
बताया कि,गन्ने की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है, लेकिन भारी दोमट मिट्टी पर भी गन्ने की खेती अच्छी हो सकती है। अम्लीय व क्षारीय मिट्टी तथा जिस जमीन पर पानी का जमाव होता हो, वहां पर गन्ने की खेती उपयुक्त नहीं होती। गन्ने की सहफसली खेती के लिए किसान गन्ने की दो पंक्ति के बीच आलू, लहसुन, गेहूं, गोभी, टमाटर, धनिया, मटर आदि की खेती कर सकते हैं। इसके अलावा मृदा जांच से खेत में पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर प्रबंधन करना बेहतर होता है। गोष्ठी में श्याम सिंह, संतराम, वेदप्रकाश, सतवीर, उदयवीर, धर्मपाल, देवेंद्र, ओमवीर, कृष्णपाल, उपेंद्र आदि किसान शामिल रहे।