श्रीमद् भागवतकथा के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा में रमे रहे श्रद्धालु भगवत भक्त व साधू का कभी अपमान न करो - चिन्मयानंद।

श्रीमद् भागवतकथा के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा में रमे रहे श्रद्धालु भगवत भक्त व साधू का कभी अपमान न करो - चिन्मयानंद।

श्री कृष्ण की बाल लीलाओं ने किया रोमांचित, सनातनी त्योहार धूमधाम से मनायें।

एटा। के कस्बा वागड़ में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा का वृतांत सुनाते अंतर्राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू अभिमान मनुष्य के पतन का सबसे बड़ा कारण है। घमंड चाहे धन का हो या फिर बाहुबल और मान सम्मान और ज्ञान का, कभी ना कभी पतन की ओर अग्रसर करता है। यह उधर हरिद्वार के अंतर्राष्ट्रीय संत कथा वाचक चिन्मयानंद बापू ने श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा का वृतांत सुनाते हुए कहे। आगरा रोड स्थित पचोरी फार्म हाउस के समीप चल रहे आयोजन में क्षेत्रीय तथा आसपास के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड रही है। कन्हैया के जन्म के उपरांत गोकुल में खुशी के माहौल का जीवंत वाचन करते हुए बापू ने कहा कि भगवान के जन्म की 6 महीने तक खुशियां मनाई गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि अपने त्योहारों को सनातन संस्कृति के अनुरूप धूमधाम से मनाये। होली हो या दीपावली पर उन ज्ञान बांटने वाले लोगों से दूर रहें जो दिवाली पर पटाखे फोड़ना पर्यावरण को दूषित करना बताते हुए पटाखे न चलाने की सलाह देते हैं। ऐसे लोगों से सवाल यह है कि जी ईद के त्योहार पर लाखों लाख जीवों की हत्या की जाती है तो उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता। लाखों जीवों की हत्याके कारण पर्यावरण जितना प्रदूषित होता है उसका अंदाज लगाना मुश्किल है। जिस तरह गोकुल में भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया, अयोध्या में दिवाली मनी इस तरह अपने त्योहारों को सनातन का रूप दें।सनातन संस्कृति में हर त्यौहार का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। उन्होंने माखन चोरी तथा कन्हैया को ओखल से यशोदा द्वारा बांध दिए जाने की कथा सुनाते हुए वृक्ष रुपी देव पुत्रों के भगवान द्वारा उद्दार किए जाने तथा कालिया देह का मर्दन लीलाओं का वचन किया। कहां की कभी भी भागवत भक्तों और साधु संतों का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। अंत में गोवर्धन लीला का वृतांत सुनाते हुए उन्होंने कहा कि यह कथा भगवान के द्वारा इंद्र के अभियान और घमंड का मर्दन कर देने की है। ब्रज में कन्हैया के कहने पर इंद्र की पूजा बंद करने पर घमंड के वशीभूत होकर क्रोध में अति दृष्टि से सभी घबरा गए थे। भगवान ने भरोसा दिया था की घबराओ नहीं कुछ नहीं होगा। पूजा में श्रद्धा और भरोसा दोनों होने चाहिए। भगवान ने भी इस श्रद्धा और भक्तों के भरोसे को बनाए रखते हुए 7 गिरिराज जी को अपनी उंगली पर उठा लिया। कन्हैया ने गोकुल वासियों की रक्षा की तो इंद्र के घमंड को भी चूर-चूर कर दिया। भगवान के गिरिराज जी को उंगली पर उठाने के दौरानगोवर्धन महाराज के जयकारे समूचे पंडाल में गूंज उठे। इस मध्य गिरिराज जी का छप्पन भोग लगाया गया तथा श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। इस दौरान आयोजक धर्मेंद्र गुप्ता, देवेंद्र गुप्ता, नीरज गुप्ता जसराना, राजेश गुप्ता ,राधा मोहन दुबे, शिव प्रकाश गुप्ता ,सत्यवीर यादव, अनिल गोयल ,विपिन जैन, निशु गुप्ता ,हिमांशु गुप्ता, अनिल चौहान ,अभिषेक गुप्ता, रवि गुप्ता, सनी गुप्ता, संजीव पचोरी एडवोकेट ,अनिल गुप्ता, ऋषि गुप्ता, मुनेश गुप्ता,राहुल वर्मा, रेखा गुप्ता ,लक्ष्मी गुप्ता, महिमा गुप्ता, दीपिका, वर्षा गुप्ता, मंजू गुप्ता ,अंजू गुप्ता, सोनम गुप्ता, रिंकी गुप्ता, दीपिका गुप्ता, उषा गुप्ता , निशा गुप्ता, आकांक्षा गुप्ता, दीपिका गुप्ता ,महिमा गुप्ता , पारुल वर्मा, मंजुला जैन आदि सैकड़ो महिला पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट मिथुन गुप्ता एटा