19 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर नहीं भद्रा का साया, जानें राखी बंधन के मुहूर्त!
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत। रक्षाबंधन के अवसर पर भद्रा का भय, भाई- बहनों को पशोपेश में डाल रहा है कि, इस पवित्र त्यौहार पर शुभ मुहूर्त है भी या नहीं। इस संबंध में ज्योतिष मर्मज्ञ पं श्यामवीर शर्मा ने शास्त्र सम्मत बेबाक उद्धरण देते हुए बताया कि, इस बार भद्रा का असर या निवास भूलोक पर नहीं होने से पूरे दिन राखी बंधन किया जा सकता है।
पं श्यामबीर शर्मा ने बताया कि, शास्त्रों में उल्लेख है कि, भद्रा के समय चंद्रमा यदि मेष, वृषभ, मिथुन अथवा वृश्चिक राशि में हो तो, भद्रा का निवास स्वर्ग में होता है। यदि चंद्रमा कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में हो तो, भद्रा का निवास पाताल लोक में होता है। इसके अतिरिक्त चंद्रमा यदि कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में हो तो भद्रा का निवास भूलोक में होता है।
इस बार 19 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर भद्रा ब्रह्ममुहूर्त वेला में 3.04 मिनट से आरम्भ होकर दोपहर 13.29 तक रहेगी, लेकिन पूर्णिमा के चंद्रमा शाम को 5.56 बजे तक मकर राशि में रहेंगे, इस कारण भद्रा का असर भूलोक पर शून्य रहेगा, क्योंकि शास्त्र मतानुसार भद्रा का निवास पाताल लोक में रहेगा।
पं श्याम बीर शर्मा ने बताया कि, भद्रा जब पाताल लोक अथवा स्वर्गलोक में हो तो, भूलोक पर इसका कोई प्रभाव नहीं पडता है। इसलिए पूरे दिन रक्षाबंधन का पवित्र धागा अर्थात् राखी अपने भाई की कलाई में सुविधा व परंपरा के अनुसार बांध सकेंगी।
इसी संबंध में पंडित श्यामबीर शर्मा ने बताया कि, राखी बंधन के लिए शुभ मुहूर्त प्रातः 5.40-7.30 बजे तक सिंह लग्न में तथा दोपहर में अभिजित मुहूर्त में अति शुभ रहेगा। इसबीच सुबह 7.30-9.00 बजे तक राहु काल रहेगा, राखी बंधन का कार्य इस दौरान न करें। 12.38-2.56 तक वृश्चिक लग्न में राखी बंधन का शुभ कार्य बहनें बडे मनोयोग से कर सकती हैं, मनोवांछित फल देने वाला स्थिर लग्न है। वहीं शाम 6.55 से चंद्रमा कुंभ में प्रवेश कर जाएंगे , इसके पश्चात् राखी बंधन न करें।