शिक्षक संघ के चेतनारायण गुट ने सेवानिवृत्त शिक्षको के लिए जीपीएफ भुगतान हेतु किए प्रयास, मिले 8 करोड, जताई आपत्ति

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि
बडौत। नगर कीआवास विकास कॉलोनी मेन उप्र माशिसंघ के चेतनारायण गुट के प्रान्तीय संरक्षक मण्डल के सदस्य स्वराज पाल दुहूण ने संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रथम मंडल मेरठ द्वारा मात्र 8 करोड़ रुपए की जीपीएफ धनराशि स्वीकृत किए जाने पर घोर आपत्ति जताई है। श्री दुहूण का कहना है कि यह राशि तो गत दो वर्षों से सेवा निवृत्त हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं तथा अन्य कर्मचारियों के लम्बित जीपीएफ के अवशेष पड़े प्रकरणों की भी पूर्ति नहींं कर पाएगी; जबकि इस सत्र में 31मार्च को सेवा निवृत्त होने वाले शिक्षकों और शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों को क्या पूर्व में सेवा निवृत्त हुए शिक्षक शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों की ही भांति फिर अपने जीपीएफ अवशेष के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा करनी होगी? कहा कि, यह राशि तो' ऊंट के मुंह में जीरा ' साबित होगी।जिसे किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
श्री दुहूण ने बताया कि, बागपत अलग जनपद बनने के समय से ही शिक्षकों शिक्षिकाओं और कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि मेरठ कोषागार से बागपत कोषागार में स्थानांतरित नही की गई थी,जिसके लिए चेतनारायण गुट के अथक प्रयास के बाद एक अरब, तीन करोड़,पांच लाख, छियानवे हज़ार तीन सौ तीन रुपये (1,03,05,96,303रुपये) की अवशेष राशि की डिमांड जनपद मेरठ से करते हुए वांछित पत्रजात भेजे गए थे।बताया कि ,वे बराबर जिला विद्यालय निरीक्षक मेरठ तथा उप शिक्षा निदेशक मेरठ के सम्पर्क में बने रहे।जिस पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कथन था कि इतनी बड़ी राशि एक साथ दिए जाने पर मेरठ जनपद ही शून्य हो जावेगा।इस पर आधी राशि तत्काल तथा आधी राशि बाद में दिए जाने की सहमति बनी थी। वे आश्वस्त थे कि, 50 करोड की राशि जनपद बागपत को तत्काल मिल जाएगी, किन्तु संयुक्त शिक्षा निदेशक ने कुल 8 करोड रुपए ही ट्रांसफर किए जाने से संगठन स्तब्ध है।
श्री दुहूण ने बताया कि वें 15 मार्च को लखनऊ जा रहे हैं तथा किसी भी कीमत पर अब जनपद बागपत के शिक्षकों शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को अपने जीपीएफ ऋण तथा सेवा निवृत्ति पर जीपीएफ अवशेषों के लिए प्रतीक्षा नही करनी होगी।