कामदगिरि पर्वत एवं भगवान कामदनाथ का पांच दिवसीय दीपावली मेला जिला प्रशासन ने काराया सकुशल सम्पन्न।
ब्यूरो रिपोर्ट-शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट -
आपकों बताते चलें हर वर्ष की भांति चित्रकूट में दीपावली के दो दिन पहले से ही अमावस्या मेला शुरू होकर भैया दूज तक पांच दिवसीय मेला चलता है इस मेले में अलग -अलग प्रांतों से श्रद्धालुओं आकर भगवान कामदनाथ सरकार की पूजन -अर्चन के बाद दर्शन करते हुए कामदगिरि पर्वत की पांच कोसी परिक्रमा लगाकर अपनी अपनी मन्नत मांगते हैं।
आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यताएं एवं धारणा - श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता है कि जब रानी कैकेई ने अयोध्या के राजा दशरथ से दो वर मांगे थे तों उसमें एक वर में भगवान श्री राम चन्द्र जी को चौदह वर्ष वनवास एवं दूसरे वर में अपने पुत्र भरत को अयोध्या का सम्राज्य इसी के चलते भगवान श्री राम जी अपने वनवास काल में सबसे ज्यादा (लगभग साढ़े बारह वर्ष)समय चित्रकूट के पर्वतों में ही गुजारा था इसलिए श्रद्धालु चित्रकूट में आकर दीपावली के दिन दीपदान करके अपने और अपने देश के सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
इस बार के मेले में ज़िले के दोनों युवा जिलाधिकारी अभिषेक आनंद एवं पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने खुद सम्भाल रखा था मोर्चा।
इस मेले में ज़िला प्रशासन की रहती चाकचौबंद व्यवस्था - मेला को सकुशल संपन्न एवं श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े ज़िले की पुलिस टीमों के साथ ही साथ अलग अलग जिलों की पुलिस टीमें ड्यूटी के दौरान तैनात किए जाते हैं।
खुद ज़िले के दोनों मुखिया जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक पांच दिवसीय मेले में चौबीसों घण्टे रखते है निगरानी और मेला क्षेत्रों में भ्रमण करने के साथ ही साथ अपने अधीनस्थो को दिशा निर्देश जारी करते रहते हैं।
इस बार दीपावली के पांच दिवसीय मेले में लगभग 40 से 50 लाख श्रद्धालुओं ने कामदनाथ भगवान के दर्शन करने के साथ कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा।