चित्रकूट-दृष्टि बाधित लोगों को अक्षर ज्ञान कराती है ब्रेल लिपि - कुलपति  - विश्वविद्यालय में मनाया गया लुई ब्रेल जयंती समारोह।

चित्रकूट-दृष्टि बाधित लोगों को अक्षर ज्ञान कराती है ब्रेल लिपि - कुलपति   - विश्वविद्यालय में मनाया गया लुई ब्रेल जयंती समारोह।

चित्रकूट: जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में गुरूवार को लुई ब्रेल जयंती समारोह के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ कुलाधिपति के निजी सचिव आर पी मिश्रा, डीन डाॅ महेंद्र उपाध्याय व संगीत गायन प्रभारी डाॅ ज्योति वैष्णव ने मां सरस्वती और लुई ब्रेल के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। संगीत विभाग की छात्रों ने मधुर गीतों की प्रस्तुति दी। 

    कुलपति प्रो शिशिर पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के जीवन पर्यन्त कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य भारत गणराज्य के सभी दिव्यांग भाई-बहनों को इस राज्य विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर समाज में जीवन जीने की एक हकदार बनाते हैं। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बिना ब्रेल लिपि के उपयोग के ही लगभग 250 पुस्तकों की विशाल रचना की है, जो समाज, शिक्षाविद के लिए अलौकिक, अतुलनीय योगदान है। कुलाधिपति की वर्तमान में जितने ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं वह एक मानव जीवन में पढ पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज लुई ब्रेल जयंती समारोह आयोजित किया गया है। अब राज्य विश्वविद्यालय इस विश्वविद्यालय में दृष्टि बाधित शिक्षकों व छात्रों के लिए सभी पुस्तकें ब्रेल प्रेस से प्रकाशित करने का कार्य करेगा। कुलाधिपति के निजी सचिव आर पी मिश्रा ने कहा कि दृष्टि बाधित लोगों को अक्षर ज्ञान कराने वाली ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्म दिवस पर यह समारोह मनाया जाता है। उनका जन्मदिन आज ही के दिन सन् 1809 में फ्रांस में हुआ था। लुई ब्रेल जन्म के तीन वर्ष की आयु में ही अपनी भौतिक दृष्टि खो बैठें थे, उसके बाद उन्होंने बिन्दुओं के सहारे एक भाषा निर्मित की जिसे दृष्टि बाधित व्यक्ति पढ़ सकता है। लुई ब्रेल ने मात्र अपनी 15 साल की आयु में यह लिपि तैयार कर दी थी। सन् 1824 में दुनिया भर में यह लिपि प्रयोग में लाई गई और सन् 2019 से यह ब्रेल लिपि पुरे विश्व में प्रचलित है। इनकी जयंती पर विश्व भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ दुर्गेश मिश्रा ने किया।

    इस मौके पर डाॅ महेंद्र उपाध्याय, डाॅ सुनीता श्रीवास्तव, डाॅ ज्योति, डाॅ शशीकांत त्रिपाठी, डाॅ गोपाल मिश्र, दलीप कुमार, योगेन्द्र त्रिपाठी, श्रीकांत पांडेय, हरींद मोहन मिश्र, एस पी मिश्रा, डाॅ संध्या पांडेय, पीआरओ सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।