चित्रकूट-सीडीओ ने ली भूगर्भ जल समिति की बैठक।

चित्रकूट-सीडीओ ने ली भूगर्भ जल समिति की बैठक।

चित्रकूट: मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर की अध्यक्षता में भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनिमय) अधिनियम के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए समिति की बैठक जिला कलेक्टरेट सभागार में हुई। 

    नोडल अधिकारी वेब पोर्टल भूगर्भ जल प्रथम परिषद श्वेता गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन एवं विनियम) अधिनियम-2019 के अन्तर्गत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित करने, नियन्त्रित करने और भूमिगत जल के विनियम का सतत् प्रबन्धन सुनिश्चित करने के लिए, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिए विशेष रूप से भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया गया है। साथ ही सभी औद्योगिक, वाणिज्यक, अवसंरचनात्मक और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निष्कर्षण के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। समस्त औद्योगिक, वाणिज्यक, अवसंरचनात्मक और सामूहिक उपयोगकर्ताओं द्वारा भूगर्भ जल का दोहन किया जा रहा है। ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग को भूगर्भ जल प्रयोग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पंजीकरण के लिए तत्काल आवेदन करें। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम-2019 की धारा-39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने के लिए दोषी पाये गये व्यक्ति, समूह, संस्था को 2 से 5 लाख का जुर्माना अथवा 6 माह से 1 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गये है। इस श्रेणी के उपभोक्ता तत्काल आवेदन कर पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें। 

    इस मौके पर जिला विकास अधिकारी राजकुमार त्रिपाठी, उप कृषि निदेशक राजकुमार, जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय, अग्रणी जिला प्रबंधक इंडियन बैंक तुलसीराम, सहायक अभियंता सिंचाई गुरु प्रसाद आदि मौजूद रहे।