संवेदनशील जानकारी फोन कॉल्स पर साझा न करें – डीएम

चित्रकूट। साइबर अपराधों से बचाव और डिजिटल सुरक्षा को लेकर मंगलवार को ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस कार्यशाला’ का आयोजन ऑडिटोरियम भवन में किया गया। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला में इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग और साइबर अपराधों से बचाव के उपायों पर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि इंटरनेट हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने सभी से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि फोन कॉल्स पर ओटीपी, आधार, पैन कार्ड, बैंक खाते की जानकारी जैसी संवेदनशील सूचनाएं साझा न करें।
साइबर अपराधों से बचाव के लिए जरूरी निर्देश:
अनजान नंबरों से आए लिंक पर क्लिक न करें।
ट्राई या टेलीकॉम विभाग के नाम पर आने वाली कॉल्स में कोई जानकारी साझा न करें।
सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग कर वित्तीय लेनदेन न करें।
मोबाइल एप्स की नियमित जांच करें, अनावश्यक अनुमतियां हटाएं और अनुपयोगी एप्स को डिलीट करें।
कोई भी सरकारी एजेंसी (जैसे पुलिस, सीबीआई, ईडी) फोन कॉल के माध्यम से आपकी जांच या गिरफ्तारी नहीं कर सकती।
ग्राम पंचायतों को साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी
डीएम ने ग्राम पंचायतों, सहायक प्रधानों और जन सुविधा केंद्रों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे गांव-गांव तक साइबर सुरक्षा का संदेश पहुंचाएं। यदि किसी के साथ साइबर अपराध होता है तो तत्काल पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें।
उन्होंने जिला सूचना विज्ञान विभाग (NIC) को भी निर्देश दिए कि साइबर अपराधों के प्रति जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।
कार्यक्रम में ये अधिकारी रहे मौजूद:
इस अवसर पर परियोजना निदेशक सच्चिदानंद प्रसाद, डीसी एनआरएलएम ओपी मिश्रा, पंचायत सहायक, ग्राम प्रधान, जन सुविधा केंद्र प्रतिनिधि सहित एनआईसी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।