योग और ध्यान के द्वारा शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति, यज्ञोपवीत भारतीय संस्कृति का आधार

योग और ध्यान के द्वारा शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति, यज्ञोपवीत भारतीय संस्कृति का आधार

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

बडौत।जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के द्वारा आयोजित योग एवं चरित्र निर्माण आवासीय शिविर के छठे दिन आर्य वीरो को योगासन के माध्यम से शारीरिक और मानसिक रूप से निरोग रहने का आह्वान किया गया। 

आर्य समाज के जिला मंत्री रवि शास्त्री ने कहा कि, योग के द्वारा शरीर एवं मन को स्वस्थ रखा जा सकता है। ध्यान के द्वारा मन को स्वस्थ किया जा सकता है। शिविर में आर्य वीरो को सर्वांगासन, हलासन, उत्तानपादासन, मकरासन, धनुरासन, वज्रासन, ताड़ासन, गोमुखासन आदि का अभ्यास कराते हुए ध्यान का भी अभ्यास कराया गया तथा कहा गया कि, ध्यान के द्वारा व्यक्ति अपने मन को केंद्रित कर डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है। मानसिक शांति के लिए प्रतिदिन व्यक्ति को ध्यान करना चाहिए।वहीं विद्यार्थियों के लिए ध्यान एक आवश्यक क्रिया है, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को सकारात्मक विचारों का संग्रह करना चाहिए। 

प्राचार्य अरविंद शास्त्री ने आर्य वीरों का यज्ञोपवीत संस्कार कराते हुए कहा यज्ञोपवीत को भारतीय संस्कृति का आधार बताया। कोषाध्यक्ष कपिल आर्य ने आर्य वीरों को रात्रि में टेलिस्कोप से चांद को दिखाया, जिससे बच्चे रोमांचित हो उठे ,वहीं अभिभावकों ने भी टेलिस्कोप के माध्यम से चंद्रमा को देखा।इस अवसर पर वेद प्रकाश आर्य, सुरेश आर्य, योगाचार्य हरेंद्र आर्य ,प्रधानाचार्य रामपाल सिंह, धर्मपाल त्यागी, दीपक आर्य, रामकुमार त्यागी आदि उपस्थित रहे।