मालिक को देखने के लिए उसको समय देना जरूरी: राम रहीम सिंह
दुनियावी डिग्री भी जब बिना मेहनत के नहीं, तो भगवान के दर्श-दीदार बिना मेहनत कैसे!
संवाददाता मनोज कलीना
बरनावा। शुक्रवार को संत डा गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग फरमाया और देश-विदेश से जुड़ी साध-संगत में हरियाणा के अंबाला, राजस्थान के पीलीबंगा, हिमाचल प्रदेश के धौला कुआं व शाह सतनाम जी धाम सिरसा में हजारों लोगों ने नाम शब्द, गुरु मंत्र की दात ली।रूहानी सत्संग फरमाते हुए कहा कि संसार में दो तरह की दुनिया मोस्टली मानी जाती है। एक वो जो सुप्रीम पावर अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा रब्ब को मानते हैं और दूसरा वो जो भगवान को नहीँ मानते। भगवान को मानने वाले क्यों मानते हैं, किस लिए मानते हैं और भगवान को न मानने वालों ने ऐसा क्या देख लिया ,जो नही मानते, के बारे में समझाते हुए फरमाया कि ,किसी भी चीज का रिजल्ट लेने के लिए पहले कुछ प्रैक्टिकली कार्य करना होता है। कर्म के बिना रिजल्ट नहीँ और ज्ञान के बिना कर्म नहींं है। अगर किसी चीज का इंसान को नॉलेज नही है ,तो उसके लिए कर्म कैसे करेगा और कर्म नहींं करता, तो उसे प्राप्त कैसे करेगा। उदारण दिया कि, जिस प्रकार कोई भी डिग्री हासिल करने के लिए पढऩा पड़ता है और जिंदगी के 20-25 साल लगाने पड़ते हैं। तभी जाकर डिग्री या मास्टर डिग्री हाथ में आती है। जब एक दुनियावी डिग्री बिना मेहनत के नहीं मिल सकती ,तो भगवान के दर्श-दीदार बिना मेहनत के कैसे हो
सकते हैं। भगवान के दर्श-दीदार के लिए भी मनुष्य को प्रभु के नाम का जाप करना होगा, भगवान के नाम का जाप करने के लिए समय निर्धारित करना होगा। यह सब हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा हुआ है।
- दो महीने लगातार सुमिरन करने से महसूस होगी सुप्रीम पावर की शक्ति
कहा कि प्रभु के नाम का सुमिरन करने के बारे में हमारे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों में लिखा है। हिंदू धर्म में सुबह के समय 2 से 5 के बीच को ब्रह्म मुर्हूत कहा गया है। इसी समय को सिख धर्म में अमृत वेला, इस्लाम धर्म में बांगे भगत फर्ज, इबादत फर्ज और इंग्लिश फकीर इसे दा गॉडस प्रेयर दी टाइम कहते हैं। कहा कि सुबह के इस समय इन्सान जागे, भक्ति इबादत करे और शाम को खाने के बाद एक घंटा प्रभु के नाम का लगातार दो महीने जाप करे, तो उसे जरूर भगवान, अल्लाह, वाहेगुरु के दर्श-दीदार होंगे। कहा कि ,दो महीने तक परहेजों के साथ सुमिरन करने से इंसान को उस परम शक्ति का अहसास, उस ओम, एक ओंकार, दा सुप्रिम पावर गॉड जो एक है, उसको जरूर देख पाएगा और महसूस कर पाएगा।