कोरोना से हुई मौतों की गिनती, चीन में इस तरह होती है बेहद सख्त हैं नियम

कोरोना से हुई मौतों की गिनती, चीन में इस तरह होती है  बेहद सख्त हैं नियम

बीजिंग, एजेंसी। Coronavirus In China: चीन (China) में कोरोना ने कहर बरपा रखा है। संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस तरह की रिपोर्ट भी सामने आई हैं जिनमें कहा गया कि, शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ रहगा है। हालांकि, चीन कोरोना को लेकर जो आंकड़े दे रहा है वो इसके ठीक उलट हैं। चीन की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 23 दिसंबर 2022 को कोरोना ने एक भी मौत नहीं हुई है। 23 दिसंबर को चीन में 4,128 नए कोरोना मरीज मिलें हैं जबकि इससे एक दिन पहले ये संख्या 3,761 थी। 23 दिसंबर शुक्रवार को चीन में गंभीर मामलों में की संख्य 99 थी और इससे एक दिन पहले ये संख्या 42 थी।
गंभीर हैं हालात
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि के बीच चीन ने मौतों को गिनने का तरीका बताया है। कोरोना वायरस के आंकड़ों को छिपाने के लिए शुरू से ही चीन की आलोचना की जाती रही है। चीन में कोरोना महामारी के कारण हालात इस कदर गंभीर हैं कि अस्पतालों में पैर रखने की जगह नहीं है। संक्रमित मरीजों का अस्पतालों के फर्श पर इलाज किया जा रहा है।
चीन में ये हैं दिशानिर्देश
संक्रामक रोग चिकित्सक वांग गुइकियांग ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, सिर्फ सांस की बीमारी और निमोनिया से होने वाले मौतों को गिना जा रहा है। निमोनिया और रेस्पिरेटरी फेलियर से हुई मौतों को ही कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या में जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि, जिन लोगों की मृत्यु किसी दूसरी बीमारी या अन्य कारण हुई है, जैसे दिल का दौरा पड़ना, उन्हें वायरस से होने वाली मौत के रूप में नहीं गिना जाएगा, भले ही वे उस समय कोविड से बीमार थे।

इस वजह से कम हैं मौत के आंकड़े

हाल ही में कोविड से होने वाली मौतों की गिनती के लिए चीन की गाइडलाइन पर टिप्पणी करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन प्रमुख माइकल रेयान ने कहा था कि मौतों को लेकर ये परिभाषा 'संकीर्ण' है। कोरोना वायरस से हुई मौतों को गिनने का ये तरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार नहीं है। यही कारण है कि चीन में कोरोना से हुई मौत के आंकड़े बाकी देशों से बहुत कम हैं।

सख्त हैं नियम

चीन में कोरोना वायरस से हुई मौत की पुष्टि के लिए जो नियम बनाए गए हैं वो बेहद सख्त हैं। इसके तहत मौत के बाद मरीज के फेफड़ों में कोरोना वायरस के कारण नुकसान की पुष्टि होना जरूरी है। मौत के बाद मरीज के शव को छिपाने के चक्कर में उनके फेफड़ों और श्वसन तंत्र की जांच नहीं की जा रही है। सबूतों के अभाव में और सरकारी दबाव के कारण डॉक्टर भी इन मौतों को सामान्य बता रहे हैं।