लाभार्थियों को पूरा राशन दिलाने के लिए सरकार हुई सख़्त,(EPOS)से जुड़ेंगे सभी कोटा धारक
अब कोटेदार नहीं कर सकेंगे घटतौली,आऐ दिन कम तौल की शिकायतों को ले कर उपजे विवाद के मद्देनज़र सरकार ने उठाया बड़ा कदम।
उन्नाव/ब्यूरो महेंद्र राज
अगर आप भी राशन कार्ड लाभार्थी हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है।अब कोटेदार किसी भी सूरत में कम राशन नहीं तौलेंगे। दरअसल,सरकार ने कोटेदारों के लिए नया नियम लागू कर दिया है।एक तरफ सरकार ने फ्री राशन की अवधि दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है. दूसरी तरफ मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'वन नेशन वन राशन कार्ड योजना' पूरे देश में लागू हो गई जिसके बाद सभी दुकानों पर ऑनलाइन इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल यानी ई पी ओ एस डिवाइस को अनिवार्य कर दिया गया है।सरकार के इस फैसले का असर भी साफ दिख रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों को सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हो इसके लिए केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल (EPOS) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू के साथ जोड़े जाने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून नियमों में संशोधन कर दिया है। इसके बाद अब सभी कोटेदारों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू रखना अनिवार्य हो गया है।
देश भर में लागू हो गया नया नियम
सरकार के इस आदेश के बाद अब देश में उचित दर वाली सभी दुकानों को आनलाइन इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल यानी पीओएस डिवाइस से जोड़ दिया गया है। यानी अब राशन तौल में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश ही नहीं बची है।सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थी को किसी भी सूरत में कम राशन न मिले, इसके लिए राशन डीलरों को हाइब्रिड माडल की प्वाइंट आफ सेल मशीनें मुहैया कराइ गई हैं।ये मशीनें ऑनलाइन मोड के साथ ही नेटवर्क न रहने पर ऑफलाइन भी काम करेंगी।यह संशोधन एनएफएसए के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के संचालन की पारदर्शिता में सुधार के माध्यम से अधिनियम की धारा 12 के तहत खाद्यान्न तौल में सुधार प्रक्रिया को और आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।बताते चलें कि कोटेदारों द्वारा कम राशन तौलने की शिकायतें हमेशा आती रहती हैं।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल क्रमश: 2/3 रुपये प्रति कि.ग्रा की रियायती दर पर दे रही है।सरकारी सूत्रों के मुताबिक ईपीओएस उपकरणों को उचित तरीके से संचालित करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त मुनाफे से बचत को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकार की सहायता नियमावली) 2015 के उप-नियम (2) के नियम 7 में संशोधन किया गया है. इसके तहत पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए प्रदान किए गए अतिरिक्त मार्जिन से अगर किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को यदि बचत होती है तो इसे इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन एवं रखरखाव के साथ दोनों के एकीकरण के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. यानी सरकार अब लाभर्थियों तक पूरा राशन पहुंचाने के लिए सख्त हो गई है।