बरनावा लाक्षागृह पर चतुर्वेद पारायण महायज्ञ , संस्कारवान होकर जीवन को श्रेष्ठ बनाने का आह्वान

बरनावा लाक्षागृह पर चतुर्वेद पारायण महायज्ञ , संस्कारवान होकर जीवन को श्रेष्ठ बनाने का आह्वान

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली | बरनावा के लाक्षागृह स्थित श्री महानंद संस्कृत विद्यालय गुरुकुल परिसर में चल रहे 64 वे विश्व कल्याण चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार को वैदिक विद्वान आचार्य रविदत्त शास्त्री ने कहा ,संस्कारों से ही मानव जीवन श्रेष्ठ बन सकता है।

आचार्य रविदत्त शास्त्री ने वेदोपदेश देते हुए कहा कि, ये संस्कार मानव को उसके गर्भाधान से लेकर अन्त्येष्टि क्रिया तक किए जाते हैं। इनमें से विवाह, यज्ञोपवीत इत्यादि संस्कार बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं। संस्कारों का उद्देश्य मनुष्य में गुणों का समावेश करना है। विद्वान् शोकेंद्र आर्य ने कहा यज्ञ का मूल उद्देश्य मानव निर्माण है। कहा,जिस राष्ट्र में नारी का सम्मान होता है, वो महान होता है। 

यज्ञ के ब्रह्म आचार्य गुरुवचन शास्त्री, प्रधानाचार्य अरविंद शास्त्री, कीर्तिदेव महाराज आदि ने भी वेदोपदेश दिया। देवेंद्र शास्त्री, शिव कुमार शास्त्री, विजय कुमार, निमेष शास्त्री, मुकेश शास्त्री, संजीव शास्त्री, राजपाल त्यागी, महेंद्र सिंह, साधना सोलंकी, संजीव मुलसम, सत्यपाल सिंह, अजय त्यागी, राहुल त्यागी आदि मौजूद रहे।