मनमाने तरीके से चलने वाले निजी अस्पतालों पर आखिर कब और कौन करेगा कार्यवाही

विरोध करने पर अस्पताल के महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ का मुकदमा लगवाने की देते हैं धमकी

मनमाने तरीके से चलने वाले निजी अस्पतालों पर आखिर कब और कौन करेगा कार्यवाही

मेरठ।गढ़ रोड स्थित जगत हॉस्पिटल के प्रबंधक पर अधिक बिल बनाकर गुंडई दिखाने वे जबरन 15 हज़ार छीनने का आरोप लगा है मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्यमंत्री से की गई है। पत्रकार ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि दिनांक 28 फरवरी को उसने अपने भतीजे अफान को बुखार होने के चलते जगत हॉस्पिटल में भर्ती कराया था जिसमें उसका 3 दिन उपचार चला था डिस्चार्ज के समय हॉस्पिटल का प्रबंधक हरि सिंह चार दिन का बिल बनाकर मुट्ठ मर्दी दिखाने लगा जिसका विरोध किया तो हॉस्पिटल स्टाफ गाली गलौज व मारपीट पर उतारू हो गया पीड़ित ने जिसकी सूचना तत्काल संबंधित थाने पर फोन कर दी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया आरोप है कि पुलिसकर्मियों के वापस जाने उपरांत हरि सिंह व दो अन्य ने पत्रकार को एक कमरे में ले जाकर उसके साथ गाली गलौज व मारपीट करते हुए 15 हजार रुपए लूट लिए और छेड़छाड़ के झूठे मुकदमे तथा जान से मार डालने आदि की धमकी देकर कहा कि हम अपनी मर्जी से बिल बनाते हैं तूने पुलिस बुलाकर हमारा क्या बिगाड़ लिया । दरअसल ऐसे मामले आए दिन शहर में देखने को मिल रहे हैं कि जहाँ बिना मानक के चल रहे प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम को मरीजों की जान से खिलवाड़ करने और उनके साथ लूट मचाने जैसे मामले सामने आते हैं हॉस्पिटल संचालकों के हौसले इतने बुलंद है कि वह दबंग स्टाफ रखकर मनगढ़त बिल बनवाते हैं तथा मरीजों और तीमारदारों के साथ मार पिटाई पर उतारू हो जाते हैं इन लोगों को सरकार की सख्ती के बावजूद इतनी छूट कहाँ से मिली हुई है।अकेले मेरठ के गढ़ रोड़ क्षेत्र में ही 40 प्रतिशत नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। आए दिन मरीजों की मौत होती है, कुछ में हंगामा होता है तो कुछ आपसी समझौते से निपटा दिए जाते हैं। जब-जब ऐसे नर्सिंग होम का प्रकरण उठता है, महकमे के अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई के नाम पर खानापूरी करने लगते हैं। हालांकि कुछ दिन पहले ही मेरठ जिलाधिकारी दीपक मीणा की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सख्ती दिखाई थी तो आनन फानन में नर्सिंग होम सील किए गए, जबकि कई को नोटिस देने की औपचारिता भी निभाई गई थी। लेकिन उसके बाद भी निजी अस्पतालों में विवाद के मामले लगातार सामने आ रहे हैं जिसमें ताजा मामला मेरठ के गढ़ रोड़ स्थित जगत अस्पताल का सामने आया है जहा पर एक मरीज का बिल ज्यादा बनाने को लेकर कर्मचारियों ने एक पत्रकार को ही छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने की धमकी तक दे डाली । अब सवाल उठता है कि अगर इस तरह से पत्रकार को ही धमकी मिलेगी तो सच्चाई कोन दिखाएगा।

हालांकि अब इस मामले को लेकर पत्रकार द्वारा मुख्यमंत्री व सीएमओ मेरठ डाक्टर अखिलेश मोहन से शिकायत की गई है अब देखना यह है कि अधिकारियों द्वारा इस मामले में कार्रवाई होगी या सिर्फ खानापूर्ति ये तो आने वाला समय ही बताएगा। गढ़ रोड़ क्षेत्र के गली-मोहल्ले में नर्सिंग होम खुले हुए हैं। छोटी छोटी जगह में दस से बीस मीटर की दूरी पर खुले नर्सिंग होम के संचालकों को न स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों का डर है और ना ही पुलिस का । उसी श्रेणी में गढ़ रोड़ स्थित जगत अस्पताल भी सामिल है जहां पर कमीशन के चक्कर में मरीजों को भर्ती करने के लिए खींचतान मची रहती है। और फिर उसका बिल अपनी मर्जी से बनाया जाता है। जिसका सीधा असर गरीब और भोली भाली जनता पर पड़ता है। हालांकि अकेले गढ़ रोड़ पर ही बड़ी संख्या में ऐसे नर्सिंग होम हैं, जहां ना कोई डाक्टर है और ना ही कोई रजिस्टर नर्सिंग स्टाफ यहां पर अप्रशिक्षित कर्मचारी से लेकर आठवीं पास सफेद कोट पहन कर मरीजों का इलाज करते हैं। तथा गांव-देहात के मरीजों को फंसा कर उनके आपरेशन तक टेक्नीशियन करते हैं, जिससे आए दिन मौत और हंगामा होता है।

मेरठ में चौतरफा खुल गए नर्सिंग होम 

थाने से चौकी क्षेत्र तक में फैला जाल हद तो यह है के दस से बीस मीटर के दायरे में चल रहे नर्सिंग होम का जाल सा फैला हुआ है। वहां होने वाली मौतों पर कार्रवाई एवं एफआइआर दर्ज कराने के बजाय पुलिस मौत पर समझौता कराने को तवज्जो देती है।

बोले जिम्मेदार- बिना मानक के मेरठ शहर और क्षेत्र में चल रहे नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मेरठ में पहले भी कई नर्सिंग होम सील किए गए हैं, अभी जगत अस्पताल का मामला सामने आया है जहा पर अधिक बिल व पत्रकार से मारपीट का मामला सामने आया है। इसकी जांच कर नोडल अफसर को उस क्षेत्र पर फोकस करने का निर्देश दिया है। - डा. अखिलेश मोहन, सीएमओ, मेरठ।