रैंकिंग में प्रदेश में प्रथम आए जनपद में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भले ही सहायक रहे हों, हकीकत से कोशों दूर हैं चिकित्सा सेवाएं
रोजाना फागिंग व चिकित्सा शिविर की मांग, डेंगू व मलेरिया बुखार से हो रही मौतें, रैंकिंग के सूत्रों पर उठा रही हैं सवाल
ब्यूरो डा योगेश कौशिक
बागपत।प्रदेश में पहले नंबर पर आने वाले जनपद में बुखार के प्रकोप के चलते आये दिन हो रही मौत का आंकड़ा एक सवालिया निशान लगाने में काफी है | जनपद में फागिंग की मांग करते ग्रामीणों की मांग की अनदेखी, चिकित्सकों की कमी तथा टीकरी जैसी सीएचसी पर तमाम तरह की चिकित्सा सुविधाओं का अभाव की शिकायतों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की फाइल और रिकार्ड ओके मिले, यह बात अलग है, लेकिन यह सही है कि, डेंगू, मलेरिया और बुखार के प्रकोप के चलते आज भी तीन मौतें हो गई
छपरौली में बुखार से मौत, चिकित्सा शिविर की मांग
छपरौली में बुखार के चलते एक 12 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का इलाज बड़ौत के निजी चिकित्सक के यहां चल रहा था। मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
कस्बा निवासी दिनेश जैन की 12 वर्षीय पुत्री खुशी जैन कस्बे के ऐम एजुकेशन पब्लिक स्कूल मैं कक्षा 8 की छात्रा थी। उन्होंने बताया कि 8 नवंबर को अचानक ही बुखार हुआ। तुरंत ही कस्बे के निजी चिकित्सक से दवाई दिलवाई गई। आराम न मिलने के कारण ,शाम को बड़ौत में निजी चिकित्सक के पास ले गए, जहां उसका उपचार चल रहा था। गत रात्रि अचानक ही दोबारा तबीयत बिगड़ी और उल्टियां होने लगी। थोड़ी देर बाद ही बच्ची ने दम तोड़ दिया।
शोकाकुल कस्बावासियों ने कहा कि, कस्बे में बुखार के रोगी काफी संख्या में हैं ,स्वास्थ शिविर लगाए जाएं ।
उधर मृतका छात्रा के स्कूल में खुशी जैन की आत्म शांति के लिए विद्यालय के स्टाफ एवं छात्रों मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।
दोघट कस्बे में बुखार से दो बच्चों की मौत
दोघट क्षेत्र में बुखार का कहर बना हुआ है। कस्बे में दो बच्चों की बुखार के चलते मौत हो गई। जिसमें एक बच्चे की डेंगू बुखार से मौत हुई। इससे
पहले भी क्षेत्र में कई लोगों की बुखार से मौत हो चुकी है। क्षेत्र में बुखार पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है।
दोघट कस्बे में बुखार से पीड़ित लक्ष्य 13 वर्ष ,पुत्र सतीश शर्मा ,पिछले चार दिन से बुखार से पीड़ित था। तबियत खराब होने पर मेरठ के सिटी ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया ,जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। सतीश शर्मा ने बताया कि पहले कस्बे में उसका उपचार कराया गया ,लेकिन तबियत खराब होने पर मेरठ भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने जांच में डेंगू बुखार बताया,जिसके बाद उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
दूसरी ओर कस्बे की पट्टी तिरोसिया में नरेंद्र शर्मा का पांच वर्षीय बेटा लक्षित की भी बुखार से मौत हो गई।सोमपाल शर्मा ने बताया कि, लक्षित को बुखार आने पर दवाई दिलाई गई, लेकिन जब वो अपने नाना के साथ चंडीगढ़ जा रहा था ,तो फिर बुखार बन गया, उसे चंडीगढ़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। कस्बे में दो बच्चों की मौत शोक की लहर दौड़ गई।
-फिर भी रैंकिंग में स्वास्थ्य सेवाएं प्रथम?
जनपद में बुखार, मलेरिया और डेंगू के बढते मरीजों के लिए रोजाना स्वास्थ्य शिविर लगाए जाने की मांग, गांवों में दवाइयों का छिडकाव, अस्पतालों में डाक्टरों की कमी के चलते गरीब परिवारों को भी प्राइवेट चिकित्सकों के पास जाने की मजबूरी के चलते यदि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी प्रदेश की रैंकिंग में प्रथम आ रहे हैं, तो स्वास्थ्य विभाग को तो खुश होना ही चाहिए, पर हकीकत में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन जरूर करे, जिनके लिए कल ही जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करते हुए उन्हें आइना भी दिखाया था $