शिव-पार्वती विवाह कथा में उमड़ा भक्तों का सैलाब, स्वामी कमलदास जी बापू ने बताया विवाह का रहस्य।
बांदा। श्री लइना बाबा सरकार धाम में महाकुंभ के उपलक्ष्य में चल रही 9 दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा के छठे दिन भव्य शिव-पार्वती विवाह उत्सव का आयोजन किया गया। राजस्थान के अलवर से पधारे राष्ट्रीय संत स्वामी कमलदास जी बापू ने कथा सुनाते हुए भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का गूढ़ रहस्य भक्तों के समक्ष प्रकट किया।
तारकासुर वध के लिए हुआ शिव-पार्वती विवाह
स्वामी कमलदास जी बापू ने कहा कि शिव-पार्वती विवाह केवल लौकिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और दैवीय उद्देश्य से हुआ था। दैत्यराज तारकासुर के अत्याचार से त्रस्त देवताओं को यह आशीर्वाद मिला था कि उसका वध केवल भगवान शिव के पुत्र के हाथों संभव होगा। लेकिन शिव जी तपस्या में लीन थे, अतः माता पार्वती ने घोर तपस्या कर शिव जी को प्राप्त किया और उनका विवाह संपन्न हुआ। इस विवाह से जन्मे कार्तिकेय ने आगे चलकर तारकासुर का संहार किया और संसार को उसके आतंक से मुक्त किया।
झांकी ने मोहा मन, श्रद्धालु हुए भाव-विभोर
इस अवसर पर शिव-पार्वती विवाह की भव्य झांकी सजाई गई, जिसे देखकर भक्तगण भाव-विभोर हो उठे। झांकी में भगवान शिव, माता पार्वती, सप्तऋषि, देवताओं, ऋषि-मुनियों, एवं समस्त शिव गणों का मनमोहक स्वरूप प्रस्तुत किया गया। मंत्रोच्चारण, भजन-कीर्तन और शिव वंदना से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़
बापू जी की धर्मपत्नी श्रीमती ज्ञानवती देवी मिश्रा ने बताया कि कथा के छठे दिन प्रमुख यजमान प्रमोद सोनी व उनकी धर्मपत्नी रुचि सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। इनमें मंदिर पुजारी राजू जी, भोला प्रसाद सोनी, प्रेमचंद सोनी, रामबाबू सोनी, रामशरण सोनी, राकेश सोनी, विष्णू सोनी, अनूप सोनी, बाबूलाल कुशवाहा, दादूलाल सिंह, लक्ष्मीकांत, दिनेश सोनी, झूल्लू तिवारी, बूदा तिवारी, हीरामन पयासी समेत बड़ी संख्या में माताएं-बहनें शामिल रहीं।
आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत माहौल
कथा के दौरान भक्तों ने हर-हर महादेव के जयघोष से माहौल को भक्तिमय बना दिया। संत श्री कमलदास जी बापू ने कथा के अंत में कहा कि शिव और शक्ति का मिलन सृष्टि के संतुलन का आधार है। शिव-पार्वती विवाह केवल एक विवाह नहीं, बल्कि जीवन के गहरे आध्यात्मिक संदेश को प्रकट करता है।
अगले दिनों में श्री शिवमहापुराण कथा में और भी दिव्य प्रसंगों का श्रवण होगा, जिसे लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह बना हुआ है।