छः व्यापारियों के आश्रितों को मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना अन्तर्गत किया गया लाभान्वित,, डीएम

छः व्यापारियों के आश्रितों को मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना अन्तर्गत किया गया लाभान्वित,, डीएम

रायबरेली । जिलाधिकारी  माला श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य कर विभाग, रायबरेली द्वारा मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत छः व्यापारियों की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के उपरान्त उनके परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य कर विभाग द्वारा पंजीकृत व्यापारियों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रित को मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत शासन एवं मुख्यालय की अनुमति प्राप्त करते हुए रुपये 10.00 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस क्रम में चालू वित्तीय वर्ष में दुर्घटना में मृत छः व्यापारियों के आश्रित को उक्त सुविधा के अन्तर्गत कुल रुपये 60.00 लाख का भुगतान किया जा चुका है। शेष आवेदनों के सम्बन्ध में शासन/मुख्यालय की अनुमति प्रतीक्षित है। जिलाधिकारी ने बताया कि विभाग में कार्यरत उपायुक्त, सहायक आयुक्त एंव राज्य कर अधिकारी द्वारा अपने अपने क्षेत्राधिकार में विचार गोष्ठी, सेमिनार एंव कैम्प का आयोजन करते हुए व्यापारियों के एक बड़े समूह को जी0एस0टी0 में पंजीयन प्राप्त करने तथा निश्चिंता के साथ व्यापार करने के लिए प्रेरित किया गया, जिसके क्रम में जनपद में बड़ी संख्या में व्यापारियों द्वारा जी0एस0टी0 में पंजीयन प्राप्त किये जा रहे हैं। राज्य कर अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को जी०एस०टी० के नियमों एवं रख-रखाव किये जाने वाले अभिलेखों के सम्बन्ध में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस क्रम में सहायक कमिशन (ए) वाणिज्य कर, रायबरेली ने बताया कि अनियमित रूप से परिवहित किये जाने वाले माल एवं कर चोरी को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए सचल दल रात-दिन कार्य कर रहा है और अपने निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक धनराशि राजकोष में अर्थदण्ड के रूप में जमा करायी जा रही है। रायबरेली कार्यालय भवन में महिला कार्मिकों एंव आने वाली महिला व्यापारियों/अधिवक्ताओं के प्रयोग के लिए पृथक-पृथक वाशरूप संरक्षित किये गये हैं, जिनकी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कार्यालय में महिला व्यापारियों/अधिवक्ताओं के कार्यों को एक बड़े ही साफ-सुधरे वातावरण में त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप महिला उत्पीड़न का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया।