पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजनांतर्गत 2 मोबाइल वेटरनरी यूनिट वाहन को  जिला पंचायत अध्यक्ष व जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर किया रवाना।

पशुपालक टोल फ्री नंबर-1962 पर कॉल कर सेवाओं का लाभ लें। आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था प्रातः 10:00 से सांय 8:00 तक उपलब्ध होगी।

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजनांतर्गत 2 मोबाइल वेटरनरी यूनिट वाहन को  जिला पंचायत अध्यक्ष व जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर किया रवाना।

आदित्य तिवारी 

अमेठी  भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत पशुधन को पशुपालक के द्वार पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मा. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज लखनऊ से रु. 201 करोड़ की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट वाहन का फ्लैग ऑफ एवं टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार में दिखाया गया। इस दौरान मा. अध्यक्ष जिला पंचायत श्री राजेश अग्रहरी, जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ जेपी सिंह सहित अन्य पशु चिकित्सक  मौजूद रहे। सजीव प्रसारण के उपरांत मा. जिला पंचायत अध्यक्ष व जिलाधिकारी ने कलेक्टर परिसर से 2 मोबाइल वेटरनरी वाहन को हरी झंडी दिखाकर पशुपालकों की सेवा हेतु रवाना किया। इस दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त योजना अंतर्गत जनपद अमेठी को 7 मोबाइल वेटरनरी वाहन प्राप्त होंगे, जिसमें से तीन वाहन पशुपालन विभाग द्वारा तय रूट पर अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे यह वाहन प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक विभिन्न ग्रामों में रुक कर निर्धारित पंजीकरण शुल्क (छोटे पशु रु. 2, बड़े पशु ₹5 कुत्ता ₹10) लेकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएंगे। शेष 4 वाहन चारों तहसील पर उपस्थित रहकर आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराएंगे। आकस्मिक चिकित्सा हेतु पशुपालकों को टोल फ्री नंबर-1962 पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करवानी होगी। आकस्मिक चिकित्सा प्रातः 10:00 बजे से सांय 8:00 बजे तक उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी वाहन पर एक पशु चिकित्सक, एक पैरावेट स्टाफ एवं एक वाहन चालक तैनात रहेगा। जनपद में इन वाहनों का संचालन इएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज नामक संस्था द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से समस्त उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी एवं वाहनों में तैनात कर्मचारी उपस्थित रहे।