2023 चाय पर चर्चा और पिछड़ता विकास...

बुरहानपुर,:- टैक्टर की धूल से धूसरित  बुरहानपुर विधान सभा क्षेत्र का विकास खेत से खलियान  तक व्यापारी से किसान, छोटे दुकानदार से लेकर बड़े दुकान तक हर वर्ग को शिकायत है, अर्चना दीदी के कार्यकाल में जो विकास हुआ था और हो रहा था वह थम गया है। टैक्टर की धूल से धूसरित चुनाव परिणाम के बाद टैक्टर प्रत्याशी ठाकुर सुरेन्द्र सिंह से आम मतदाता ने विकास की  आस लगाई थी आज भी अधूरी ही है। नतीजा सिर्फ आम मतदाता ही नही खुद इनके समर्थक भी असंतोष की आग लिए चुनावी दिन का इंतजार बेसब्री से कर रहे है। इसकी झलक बुरहानपुर नगर निगम के 48 वार्डो के गली, मोहल्लो, चौक, चौराहे के आलावा ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रही है। बुरहानपुर की सियासत और नब्ज को समझने का दावा करने वाले चुनावी नेताओ का गणित भी इस बार जन चर्चा और आकलन, अनुमान से हटकर अर्चना दीदी चिटनिस पर आकर रुक रहा है। जिस गुणात्मक विकास की स्क्रिप्ट को दीदी ने लिखना शुरु किया था उस पर रोक के बाद चहूं और एक चर्चा है वह चुनाव का दौर  और जमाना गया जब पहली पीढ़ी फलदार वृक्षों के पौधे लगाती थीं और अगली पीढ़ी तोड़कर खाती थीं। बदलते परिवेश और चुनावी दौर में मौजूदा पीढ़ी की कोशिश होती है पेड़ भी वही लगाए और विकास का फल भी उसे चखने को मिले। इसी लिहाज से बुरहानपुर चाय पर चर्चा का लुफ्त उठा आदरणीय अर्चना दीदी की और अपेक्षा भरी नजरों से देख रहा है। आम मतदाता साढ़े चार साल के शासन से ऊब गई है। और इन साढ़े चार साल के घटना क्रम के बाद कांग्रेस मंगलकारी संकेत के साथ खुश नजर आ रही है। दीदी के नाम का जादू, मोदी जी शिवराज की आमसभा में मतद्ताओ की सुनामी, भाषणों में विकास, विश्वास और काम की बुलंद आवाज हौसला दे रही है।