भूकंप एवं अग्नि सुरक्षा पर मॉक एक्सरसाइज का सफल आयोजन, आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती को मिला प्रोत्साहन

 ••बागपत में भूकंप और अग्नि आपदा के बीच राहत और बचाव कार्यों का सफल अभ्यास

भूकंप एवं अग्नि सुरक्षा पर मॉक एक्सरसाइज का सफल आयोजन, आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती को मिला प्रोत्साहन

••विकास भवन में आए भूकंप से लगी आग व प्रशासन की सतर्कता के साथ दर्शाया आपदा प्रबंधन का मॉडल

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बागपत। उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकंप एवं अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता व आपदा प्रबंधन क्षमताओं को परखने के लिए राज्यभर में मॉक एक्सरसाइज के आयोजन के क्रम में नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा के नेतृत्व में आज बागपत जिले में मॉक एक्सरसाइज का सफल संचालन हुआ। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य जिले की आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा, विभिन्न विभागीय योजनाओं का मूल्यांकन और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की उपयोगिता को सुदृढ़ करना था।  

मॉक एक्सरसाइज का संचालन  

मॉक एक्सरसाइज की शुरुआत लखनऊ स्थित मुख्य आपदा प्रबंधन केंद्र से सुबह 11 बजे भूकंप की चेतावनी के प्रसारण से हुई। बागपत में भूकंप की आपदा की सूचना मिलते ही अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा ने जिले की इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय किया। विकास भवन से मिली सूचना के अनुसार, भूकंप के बाद डीआरडीए बिल्डिंग में आग लगने और कुछ लोगों के फंसे होने की खबर आई। इस आपात स्थिति को देखते हुए तत्काल राहत कार्य शुरू किया गया। 

रेस्क्यू ऑपरेशन

रेस्क्यू टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अग्निशमन विभाग ने बिल्डिंग में लगी आग को बुझाने के लिए पानी के फव्वारे और फोम का इस्तेमाल किया। सीढ़ियों का उपयोग कर बिल्डिंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। घायलों को प्राथमिक उपचार देकर एम्बुलेंस की सहायता से अस्थाई फील्ड अस्पताल में भेजा गया, जो नजदीकी मैदान में स्थापित किया गया था। रेस्क्यू टीम ने अंदर जाकर आग से प्रभावित हिस्सों की जांच की और वहां फंसे लोगों को ढूंढकर सुरक्षित बाहर निकाला। बिल्डिंग के अंदर भारी धुआं होने के कारण 'स्मोक एक्ज़हॉस्टर' का इस्तेमाल किया गया, जिससे धुएं को बाहर निकाला जा सका और राहत कार्य तेज़ी से आगे बढ़ा।

स्वास्थ्य सेवाएं और राहत कार्य  

घायलों के इलाज के लिए पहले से तैयार अस्थाई फील्ड अस्पताल में चिकित्सकीय टीम तैनात थी। डॉक्टरों की टीम में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे, तुरंत राहत के लिए सक्रिय हो गए। अग्नि से झुलसे हुए छह लोगों में से चार को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दी गई, जबकि दो लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया। भूकंप के मलबे में दबे 14 लोगों को भी रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया, जिनमें से छह को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया और शेष आठ लोगों को गंभीर चोटों की आशंका के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया।  

स्वयंसेवी संगठनों की भूमिका

 

मॉल एक्सरसाइज के दौरान यूथ लीडर अमन कुमार के नेतृत्व में नेहरू युवा केंद्र, मेरा युवा भारत, एनसीसी, युवक मंगल दल, उड़ान यूथ क्लब, और आपदा मित्र के स्वयंसेवकों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन संगठनों के स्वयंसेवकों ने राहत और बचाव कार्य में सहयोग कर आपदा प्रबंधन के प्रति अपनी जागरूकता और प्रतिबद्धता को दर्शाया। उन्होंने शिविरों में घायलों की मदद की, बचाव कार्यों में शामिल टीमों के साथ काम किया और आपदा के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की। 

एनडीआरएफ और एनडीआरएफ की निगरानी  

इस मॉक एक्सरसाइज के दौरान आए विशेषज्ञों में एनडीआरएफ गाज़ियाबाद से श्रीकांत महाली और एसडीआरएफ लखनऊ से बृजेश सिंह और अमरकांत ने भी संचालन की निगरानी की और स्थानीय टीमों को जरूरी मार्गदर्शन दिया। इन विशेषज्ञों ने जिले के आपदा प्रबंधन तंत्र की क्षमता का आकलन किया और राहत कार्यों में आ रही समस्याओं को चिह्नित कर उनका समाधान सुझाया। उन्होंने घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत प्रत्येक विभाग की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का परीक्षण किया, जिससे आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा हो सके।  

जागरूकता और संसाधनों की पहचान

पूरी ड्रिल के दौरान जिले में आपदा प्रबंधन से संबंधित उपकरणों और सुविधाओं का प्रदर्शन किया गया। अग्निशमन सेवाओं,चिकित्सा सहायता, संचार साधनों व अन्य आवश्यक संसाधनों का भी आकलन किया गया ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और संचार को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए, ताकि आपदा के समय में कोई देरी न हो और सभी विभाग मिलकर काम कर सकें।

समीक्षा और सुधार की योजना 

इस मॉक एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य जिले की आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा करना था, ताकि इसमें किसी भी प्रकार की खामियों को पहचाना जा सके और उन्हें सुधारा जा सके। इस दौरान एडीएम पंकज वर्मा ने स्वयं सभी व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।कहा कि मॉक एक्सरसाइज के माध्यम से मिली सीख के आधार पर आपदा प्रबंधन में सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।आयोजन का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करना था, ताकि आपातकालीन स्थिति में सभी विभागों के बीच तालमेल बना रहे और किसी भी तरह की कमी या असहमति से बचा जा सके। इसके अलावा, सभी संचार साधनों और उपकरणों की कार्यक्षमता का भी मूल्यांकन किया गया और उनमें परिलक्षित कमियों को दूर करने की योजना बनाई गई।

इस सफल मॉक एक्सरसाइज के बाद उम्मीद है कि जिले की आपदा प्रबंधन प्रणाली और अधिक प्रभावी हो जाएगी और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार रहेगी।इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तीरथ लाल ,एसडीएम खेकड़ा ,ज्योति शर्मा ,एसडीएम बागपत अविनाश त्रिपाठी डिप्टी कलेक्टर निकेत वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र सक्सेना, वरिष्ठ कोषाधिकारी मनीष कुमार सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस के चौधरी पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर सुरची शर्मा, जिला विकास अधिकारी अखिलेश कुमार चौबे सहित समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित रहे।