खेत तालाब योजना में धांधली का मामला उजागर

खेत तालाब योजना में धांधली का मामला उजागर

- तालाब खुदाए बिना ले लिया अनुदान

चित्रकूट: जिले में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी खेत तालाब योजना का हाल भगवान भरोसे है। बताते हैं कि ज्यादातर जगहों पर खेतों में तालाब बने नहीं और अनुदान का धन आहरित कर लिया गया। खेतों से तालाब गायब हैं और कागजों में इनको बना दिया गया। मामला सामने आने के बाद से जिले की प्रशासनिक मशीनरी में हडकंप मच गया है। मुख्य विकास अधिकारी ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सरकार की मंशा यह है कि खेत में बने तालाबों से जहां किसान अपनी फसल की सिंचाई कर ले वहीं मत्स्य पालन और सिंघाड़े की खेती के लिए भी इसका उपयोग कर ले। पर जैसा कि सरकारी योजनाओं में होता है, इसमें भी हुआ। सरकारी मशीनरी के साथ लाभार्थियों ने मिलबांटकर कई जगहों पर तालाब बनवाए बिना धन आहरित कर लिया। जानकारी के मुताबिक मानिकपुर ब्लाक के देवकली गांव में एक परिवार की मां-बेटे 2021-22 में लाभार्थी बने थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने खेतों में तालाब नहीं बनवाए और भूमि संरक्षण विभाग के संबंधित अधिकारी से मिलकर किस्त ले ली। इसी तरह बगरेही और पैकोरा गांवों में भी कई मामले सामने आए हैं। जानकार बताते हैं कि पूरे जिले में इस योजना के तहत लंबा घालमेल हुआ है। उधर, इस कथित घोटाले के सामने आने के बाद से भूमि संरक्षण विभाग में हड़कंप मचा है और मामले को दबाने की कोशिशें युद्ध स्तर पर जारी हैं। बताया जा रहा है कि कई जगहों पर तो आननफानन में तालाब खोदने की भी कवायद की जा रही है। सूत्रों के अनुसार मानिकपुर विकास खण्ड के देवकली गांव के शरद कुमार पुत्र भीमसेन व उनकी मां कल्ली उर्फ कलावती, पैकौरामाफी गांव के निवासी रामपाल व कल्लू पुत्रगण गया प्रसाद, कमलेष पुत्र सूरजदीन, माताबदल पुत्र दयाराम, बुजौली निवासी चन्द्रषेखर पुत्र मातादीन, बगरेही निवासी जीवन पुत्र माताबदल आदि लाभार्थियों ने बडे पैमाने पर गडबडी की है। मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है। मौके पर जांच कराई जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।