डिक्लेमेशन प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को परिस्थितियों के अनुसार बोलने और बौद्धिक चिंतन का कराया एहसास
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत |यदि कोई परिस्थितियों के अनुसार बोलना और व्यवहार करना जानता है, तो वह हर कठिन परिस्थिति में भी स्वयं को संभाल सकता है। इस प्रकार उपलब्ध विचार एवं तर्क संचार अन्य संसाधनों की तुलना में अधिक सहायक हो सकता है।सामूहिक व जनता के सामने अपने को प्रस्तुत करना तथा बोलना,एक महत्वपूर्ण व जटिल कौशल कला है, जिसे छात्रों को बचपन से ही विकसित करना चाहिए।
छात्रों को सार्वजनिक बोलने की कला से परिपूर्ण करने के लिए,नगर के माउंट लिट्रा जी स्कूल में एक इंटर हाउस डिक्लेमेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कक्षाओं में से 12 छात्रों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान छात्रों का विभिन्न मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन किया गया, जिसमें श्रेया ढाका और अन्या गुप्ता, अक्षित तोमर, सारवी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र- छात्राओं को स्कूल के चेयरमैन बिजेंद्र जैन, संस्थापक हंस कुमार जैन ने शुभकामनाएं दी।प्रधानाचार्य निशांत कुमार ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए प्रमाण पत्र देकर मनोबल बढ़ाया और कहा कि, हमें बचपन से ही बच्चों में ऐसे कौशल व व्यक्तित्व निर्माण करना चाहिए, जिससे वे अपनी बातों को स्पष्ट रूप से सार्वजनिक स्थानों पर भी कह सकें। यह सब गतिविधियां स्कूल कालेज में ही सीखी जानी संभव हैं।प्रतियोगिता में कोऑर्डिनेटर चित्रा श्रीनारायण, शालू कौशिक, सेजल तोमर, मीडिया प्रभारी कुलदीप तोमर आदि शिक्षकगण मौजूद रहे।