संसद में आंबेडकर पर बवाल: पीएम मोदी का कांग्रेस पर तीखा हमला, अमित शाह का बयान बना विवाद का कारण
शाह का बयान,संसद में घमासान।क्या बोले मोदी?
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयानों को लेकर सियासी बवाल मच गया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर तीखा विरोध जताया और उनके इस्तीफे की मांग की। इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर आंबेडकर की विरासत को मिटाने का आरोप लगाया। पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अगर कांग्रेस यह सोचती है कि झूठ और दुष्प्रचार से वे आंबेडकर जी के प्रति अपने कुकर्मों को छुपा सकती है, तो वे गलत हैं। देश ने बार-बार देखा है कि कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर और एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ किस तरह काम किया है।"
मोदी का कांग्रेस पर हमला
प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर को न सिर्फ दो बार चुनाव में हराया, बल्कि उन्हें भारत रत्न देने से भी इनकार किया। उन्होंने कांग्रेस पर संसद के सेंट्रल हॉल में आंबेडकर के चित्र को उचित सम्मान नहीं देने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, "कांग्रेस का यह इतिहास रहा है कि उनके शासन में एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ भयानक घटनाएं हुईं। उन्होंने इन समुदायों को सशक्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।"
शाह का बयान और कांग्रेस का विरोध
इस विवाद की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में दिए गए बयान से हुई, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में दलितों और आंबेडकर के प्रति हुई कथित अनदेखी को उजागर किया। विपक्ष ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए सरकार से माफी की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने इसे आंबेडकर का अपमान करार दिया और शाह के बयान को तथ्यों से परे बताया।
पंच तीर्थ पर मोदी का जोर
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा आंबेडकर की विरासत को सहेजने के लिए किए गए प्रयासों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने "पंचतीर्थ" का विकास किया है, जिसमें आंबेडकर से जुड़े पांच ऐतिहासिक स्थानों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि दशकों से लंबित चैत्य भूमि के भूमि विवाद को भी हल किया गया और लंदन में आंबेडकर के घर को अधिग्रहित कर संरक्षित किया गया।
क्या है आगे का रास्ता ?
संसद में इस मुद्दे पर हंगामा अभी जारी है। कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए इस मामले को बड़ी सियासी लड़ाई में बदलने की तैयारी कर ली है। वहीं, भाजपा आंबेडकर की विरासत पर अपने कामों को गिनाकर विपक्ष को जवाब दे रही है।
संसद का यह सत्र दलित राजनीति और आंबेडकर की विरासत को लेकर नए राजनीतिक समीकरण बना सकता है।