झलकारी बाई के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता : डॉ अनुरागी 

झलकारी बाई के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता : डॉ अनुरागी 


उरई : मंगलवार को झांसी जिले के मोंठ में वीरांगना झलकारी बाई शोभायात्रा निकाली जिसमें जिले के पूर्व सांसद जिला पंचायत अध्यक्ष डा. घनश्याम अनुरागी मुख्य अतिथि रहे।
उन्होंने कहा कि झांसी के किले पर जब अंग्रेजों ने हमला किया था उस पर झलकारी बाई भी उसी किले में थीं।
किले के भीतर हुए इस युद्ध में झलकारी बाई के पति शहीद हो गए थे। इसके बाद भी उन्होंने अंग्रेजों को खिलाफ एक योजना बनाई। उन्होंने लक्ष्मीबाई की तरह कपड़े पहने और सेना की कमान अपने हाथ ली। इतना ही नहीं अंग्रेजों को इस बात की भनक न पड़ पाए कि लक्ष्मीबाई किले से जा चुकी हैं ये सोचकर वो अंग्रेजों को चकमा देने के लिए किले से निकलकर ब्रिटिश जनरल ह्यूग रोज के कैंप में पहुंच गईं। जब तक अंग्रेज उन्हें पहचान पाते तब तक लक्ष्मीबाई को पर्याप्त समय मिल गया था। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के साथ बराबर युद्ध में साथ दिया था और अंग्रेजों को देश के खदेड़ने में विशेष योगदान दिया। उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस दौरान अध्यक्षता पवन गौतम जिला पंचायत अध्यक्ष झांसी सहित भारी  संख्या में लोग मौजूद रहे।