मेरठ - बागपत हाइवे 334 बी, लापरवाही का आलम,गड्ढों में चलने और टोल देने के लिए मजबूर हैं उपभोक्ता

मेरठ - बागपत हाइवे 334 बी, लापरवाही का आलम,गड्ढों में चलने और टोल देने के लिए मजबूर हैं उपभोक्ता

संवाददाता अजय कुमार

बालैनी।मेरठ-बागपत हाइवे 334 बी पर फिर से कई जगहों पर गड्ढे होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लापरवाही का आलम तो यह है कि, टोल प्लाजा के एकदम पास सडक के बीचोबीच बना गहरा गड्ढा भी नजर नहींं आ रहा है एनएचएआई के जिम्मेदार अफसरों को |

हाइवे कंप्लीट हुए अभी सिर्फ 15 महीने ही हुए हैं, लेकिन हाइवे की गुणवत्ता लगातार सवालों के घेरे में है और अनेक बार मरम्मत कर लीपापोती की जाती रही है। बालैनी टोल प्लाजा के समीप गड्ढा होने से वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि,मेरठ-बागपत हाइवे 334 बी, वर्ष 2021 में बनने के कुछ दिन बाद ही बरसात में हाइवे जगह जगह से खराब हो गया था तब बागपत सांसद डॉ सत्यपाल सिंह के शिकायत करने के बाद दोबारा से हाइवे को बनाया गया था। करीब 15 महीने पहले ही हाइवे बनाने वाली कंपनी ने इसे एनएचआई के हवाले किया था ,लेकिन उसके बाद से ही लगातार हाइवे पर बार-बार गड्ढे होने से वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाइवे पर सराय मोड़ से बालैनी हिंडन नदी पुल और बालैनी टोल प्लाजा के समीप भी बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिसके चलते कई बार वाहन चालकों को हल्की फुल्की चोटे भी आई हैं |

हर महीने हाइवे पर नये नये गड्ढे होने के चलते इसकी गुणवत्ता पर ग्रामीण लगातार सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, हाइवे की उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिये और जिसने भी इसमे लापरवाही की हो ,उसे सजा मिलनी चाहिये।