पद्मश्री मिलने पर डॉ. बी. के. जैन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया सम्मानित।

पद्मश्री मिलने पर डॉ. बी. के. जैन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया सम्मानित।

चित्रकूट। विश्व प्रसिद्ध सदगुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ. बी. के. जैन को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किए जाने पर पूरे क्षेत्र में हर्ष की लहर है। डॉ. जैन को यह सम्मान नेत्र चिकित्सा और अंधत्व निवारण के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जा रहा है। इस सम्मान की घोषणा के बाद से ही उनके चाहने वालों, शुभचिंतकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों का उन्हें बधाई देने और सम्मानित करने का सिलसिला जारी है।

आईएमए ने किया सम्मानित

इसी क्रम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी डॉ. जैन को पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर आईएमए के सचिव डॉ. सुधीर अग्रवाल ने कहा, "डॉ. जैन को यह सम्मान बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था। नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी नि:स्वार्थ सेवा अतुलनीय है। लाखों गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को दृष्टि प्रदान कर उन्होंने न केवल चिकित्सा जगत बल्कि मानव सेवा में भी एक मिसाल कायम की है।"

उन्होंने आगे कहा कि सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में डॉ. जैन की भूमिका अद्वितीय रही है। उनके नेतृत्व में मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा और अन्य नेत्र रोगों के इलाज से हजारों लोगों की जिंदगी रोशन हुई है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि डॉ. जैन बेहद मृदुभाषी, मिलनसार और अपने सहयोगियों के सुख-दुख में खड़े रहने वाले व्यक्तित्व हैं। उन्होंने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सम्मान न केवल डॉ. जैन बल्कि पूरे चित्रकूट क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।

पद्मश्री को बताया जनसमर्पित सम्मान

सम्मान समारोह के दौरान डॉ. बी. के. जैन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह सम्मान मेरा व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि पूरे चित्रकूट क्षेत्र, मेरे सहकर्मियों, नेत्र चिकित्सकों और उन सभी रोगियों का है, जिनकी सेवा करने का अवसर मुझे मिला। मैं केवल एक माध्यम हूं।"

इस सम्मान समारोह में डॉ. महेंद्र गुप्ता, डॉ. एस. पी. त्रिपाठी, डॉ. प्रबोध अग्रवाल, डॉ. शशांक अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक और सदगुरु नेत्र चिकित्सालय के प्रशासक डॉ. इलेश जैन उपस्थित रहे।

पांच दशकों से अंधत्व निवारण की सेवा में समर्पित

डॉ. जैन वर्ष 1974 में सदगुरु सेवा संघ से जुड़े थे और तब से अब तक 51 वर्षों से वह नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में सदगुरु नेत्र चिकित्सालय ने एक छोटे से नेत्र चिकित्सा केंद्र से एक विश्व स्तरीय संस्थान का रूप लिया है, जहां हर साल हजारों जरूरतमंदों का निःशुल्क इलाज किया जाता है।

भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने का निर्णय न केवल चिकित्सा जगत के लिए बल्कि उन लाखों लोगों के लिए भी सम्मान की बात है, जिनकी आंखों की रोशनी लौटाने में उन्होंने योगदान दिया है।

चित्रकूट क्षेत्र को गर्वित करने वाले इस सम्मान के लिए डॉ. जैन को बार-बार शुभकामनाएं!