तप व साधना के क्षेत्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले अनुत्तर सागर जी महाराज का आशीर्वाद पाने को सभी लालायित

तप व साधना के क्षेत्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले अनुत्तर सागर जी महाराज का आशीर्वाद पाने को सभी लालायित

••पूरे वर्ष में 256 उपवास का लक्ष्य,अन्न सहित पानी भी नहींं करेंगे ग्रहण

ब्यूरो डा योगेश‌ कौशिक

बडौत | धर्म नगरी बडौत में चातुर्मास के दौरान आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के ससंघ संतों में ऐसे शिष्य भी आए हैं जिन्होंने तप साधना में अनेक वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किये हैं ,जिनका कोई अभी तक विकल्प या उत्तर नहींं बन पाया, उनका नाम अनुत्तर सागर भी मानों सोच समझकर रखा गया हो |

जैन मुनि श्री अनुत्तर सागर की चर्चा आज पूरे विश्व मे हो रही है। उपवास की साधना के लिए जैन मुनि का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज किया जा चुका है। उन्होंने 12 वर्षों में अभी तक 1850 उपवास किये हैं, जिनमें खाने की तो बात ही दूर, पूरे 24 घंटे में एक बूंद पानी भी नही लिया  जाता। मुनिश्री ने वर्ष 2020 में 216 उपवास, 2021 में 226 तथा 2022 
 में 256 ऐसे उपवास किए हैं | 2023 के बड़ौत के चातुर्मास सहित 256 से अधिक उपवास का लक्ष्य रखा गया है। 

मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि,मुनिश्री अनुत्तर सागर जी द्वारा मौन रहकर तपस्या करने में भी रिकॉर्ड कायम किया गया है | अब तक 1011 दिन की मौन तपस्या भी कर चुके हैं। वहीं मुनि श्री का 3 रसों का आजीवन त्याग भी उल्लेखनीय है। अभी तक 9 राज्यों में 26,000 किमी की पद यात्रा और 76 से अधिक पंचकल्याणकों में भी मुनिश्री का मंगल सानिध्य श्रद्धालुओं को आश्चर्यजनक लगता है।

मध्यप्रदेश के भोपाल में 1977 में जन्मे मुनिश्री अनुत्तर सागर ने 2011 में सागर मध्य प्रदेश में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से मुनि दीक्षा ली थी और निरन्तर आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के संघ में रहते हुए तप, त्याग और संयम की साधना कर रहे हैं। आचार्य विशुद्ध सागर जी के ऐसे तपोनिष्ठ ससंघ के चरण पड़ने से हर कोई उनकी तेजस्विता, आकर्षकता , मृदु मुस्कान और वैचारिक गांभीर्यता के साथ ही आशीर्वाद दिए जाने की सहजता से हर जाति मजहब के श्रद्धालु नतमस्तक होने आ रहे हैं और स्वयं को
सौभाग्यशाली मान रहे हैं |