मौलाना शहाबुद्दीन बोले सीएम योगी ज्ञानवापी प्रकरण में समाधान का प्रस्ताव रखें तो कर सकते विचार
ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के मामले में हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद जहां आज सुबह सात बजे से ASI की टीम सर्वेक्षण कर रही है वहीं मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार कर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अर्जी दी है। इस मामले में मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि सीएम योगी समाधान का प्रस्ताव रखें तो विचार कर सकते हैं।
ज्ञानवापी के एएसआइ सर्वे पर हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद वैसे तो मुस्लिम पक्ष संतुष्ट नहीं है और सुप्रीम कोर्ट के आखिरी फैसले को ही मानने की बात कह रहा है, लेकिन इन सबके बीच विवाद के समाधान की खिड़की भी खोलने के संकेत दिए हैं।
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ज्ञानवापी वर्षों पुरानी मस्जिद है। वहां पांच वक्त की नमाज हो रही है। सर्वे के संबध में हाईकोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष संतुष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से जो आखिरी फैसला होगा, उसको मुसलमान मानेंगे।
पूरे भारत का मुसलमान संविधान की एक-एक लाइन को मानता है। इसकी मिसाल अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला है। संभव हो तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्लिमों की बड़ी बैठक बुलाएं। उनके सामने समाधान का अपना प्रस्ताव रखें। फिर उनकी बात पर विचार विमर्श किया जा सकता है।
उधर, जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम देवबंद के सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि सर्वे को लेकर आया फैसला प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ है। इसके मुताबिक 15 अगस्त 1947 यानी देश के आजाद होने के समय धार्मिक स्थलों की देश भर में जो स्थिति है, उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।
अयोध्या का मामला इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया था, क्योंकि उसका मुकदमा पहले से ही विभिन्न अदालतों में चल रहा था। कहा कि वर्शिप एक्ट 1991 कानून को बचाए रखने के लिए जमीयत ढाई साल पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुका है, जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया था। ढाई साल गुजरने के बाद भी सरकार ने अदालत में अपना जवाब नहीं दिया है।
हाई अलर्ट पर जिला धर्मगुरुओं से शांति की अपील
ज्ञानवापी में पुरातात्विक सर्वेक्षण के दृष्टिगत एक दिन पूर्व ही जिले में सुरक्षा को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया। थानों में मीटिंंग कर धर्मगुरुओं और सभ्रांत लोगों से अमन बनाए रखने और इसमें सहयोग की अपील की गई है। शांति समिति की बैठक के बाद एसीपी व थानेदारों ने अपने-अपने इलाके में मार्च कर सुरक्षा का संदेश दिया। शांति समिति की बैठक में भी अमन बनाए रखने में सहयोग की बात की। लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र में सहायक पुलिस आयुक्त डा. अतुल अंजान त्रिपाठी ने मार्च करने के साथ लोगों से शांति की अपील की।