राष्ट्रीय ध्वज के कपड़े की गुणवत्ता और सिलाई, पंद्रह दिन में ही असलियत सामने आई!
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय झंडे के कपड़े की गुणवत्ता व सिलाई के मुकाबले खरीदारी और संख्या पर जोर रहा, यही कारण है कि, अब राष्ट्रीय ध्वज के कटने, फटने और जगह जगह दूसरे कामों में इस्तेमाल होते हुए भी आसानी से देखा जा रहा है।घटिया कपड़े और सिलाई वाले राष्ट्रीय ध्वज , पंद्रह दिन से भी कम समय में कहीं कहीं तो ऐसी स्थिति में आ गए हैं कि, उनके चित्र भेजना और प्रकाशित करना हमारी राष्ट्रीय भावना को कुंठित करने जैसा होगा।
खेकड़ा ब्लॉक क्षेत्र के गोठरा के ग्राम प्रधान जितेन्द्र बंसल ने तो मोर्निंग वाक के दौरान झंडे की दुर्दशा पर शिकायत भी की, मगर कोई कार्रवाई नहींं हो सकी।ऐसे ही तटरक्षक बल का ध्वज उन्हें कूडे और कचरे में पड़ा मिला।इस तरह खूब हो रहे तिरंगे झण्डे के अपमान की उन्होंने पुलिस को जानकारी दी , मगर मामले में कोई कार्यवाही नहींं हुई । उन्होंने झंडे में कचरा निकालकर न फेंकने संबंधी अपील सोशल मीडिया पर लोगो से की और मामले की जानकारी खेकड़ा थाना पुलिस को दी। जानकारी मिलने के बाद अधिकारी हरकत में आ गए लेकिन मामले में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसको लेकर ग़्रामीणों में आक्रोश है । ग्राम प्रधान गोठरा ने पुलिस से मामले में आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।
दूसरी ओर देश के जिम्मेदार चौथे स्तंभ के नाते आम जनता से अपील है कि, अपने घरों, प्रतिष्ठानों, वाहनों आदि पर लगे राष्ट्रीय ध्वज के कटा, फटा, झुका या फिर कहीं उलझा हुआ होने की स्थिति में हो, तो उसे उतार लें तथा उसे किसी अन्य कार्य के लिए इस्तेमाल न करें।