शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू, सेवा अवधि की बाध्यता समाप्त

शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू, सेवा अवधि की बाध्यता समाप्त

लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के एक जिले से दूसरे जिले में पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने शैक्षिक सत्र 2024-25 के दूसरे चरण में स्थानांतरण की नई नीति जारी कर दी है। शीतकालीन अवकाश (14 जनवरी तक) के दौरान ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी और तीन माह में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान कार्य मुक्त किया जाएगा ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

सेवा अवधि की बाध्यता समाप्त

पहले पारस्परिक तबादले के लिए महिला शिक्षकों को तीन और पुरुष शिक्षकों को पांच वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करना अनिवार्य था। अब इस बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है, जिससे अधिक शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।

चार सदस्यीय कमेटी करेगी निगरानी
विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा यतींद्र कुमार की ओर से जारी नीति के तहत मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को सदस्य सचिव, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य और वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) को सदस्य बनाया गया है।

ग्रामींण और नगर संवर्ग मे स्थानाँतरण़
नीति के अनुसार, ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण क्षेत्र और नगर सेवा संवर्ग से नगर क्षेत्र में शिक्षकों का स्थानांतरण होगा। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों का स्थानांतरण केवल प्राथमिक विद्यालयों के भीतर किया जाएगा।

तीन माह में पूरी होगी प्रक्रिया
बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्थानांतरण प्रक्रिया को तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाएगा ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

इस नीति से शिक्षकों को स्थानांतरण में अधिक सुविधा मिलेगी और शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।