जलभराव से गन्ने की फसल पर संकट ,कृषि वैज्ञानिकों ने बचाव के बताए उपाय

जलभराव से गन्ने की फसल पर संकट ,कृषि वैज्ञानिकों ने बचाव के बताए उपाय

संवाददाता शशि धामा

खेकड़ा | नदियों में जलस्तर बढने और भारी बरसात के चलते गन्ने की फसल पर आए संकट से किसान परेशान हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को पानी उतरने पर ब्लीचिंग पाउडर के छिडकाव समेत कई सलाह दी हैं।

 यमुना और हिंडन के खादर क्षेत्र सुभानपुर, अब्दुलपुर, नूरपुर, सांकरौद, मवीकलां, काठा, सरफाबाद, ललियाना आदि गावों में बाढ के हालात बने रहे। नदी के तट पर अधिकांश किसानों ने गन्ने की फसल लगा रखी है। गन्ने के खेतों में जलभराव से फसल पर संकट बना हुआ है। जड़ें सड़ने की वजह से पौधों का रंग पीला पड़ गया है। किसान आशंका जता रहे हैं कि ,पानी की वजह से बड़े पैमाने पर गन्ना सूख जाएगा और उत्पादन काफी कम होगा। किसानों को अपनी गाढ़ी कमाई डूबती नजर आ रही है। सर्वाधिक चिंतित लो-लैंड वाले किसान हैं। 

कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा विकास मलिक ने बताया कि ,डूबी गन्ने की फसलें, पानी घटने के साथ ही सूखनी शुरू हो जाएंगी। इसे पूरी तरह रोकने के लिए खेत में 10 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कुछ राहत दे सकता है। कॉपर आरसी क्लोराइड 300 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे किया जाए। इसके अलावा ऐसे खेतों में दो स्प्रे अवश्य करें। पहला स्प्रे एनपीके और थायोफिनेट मिथाइल का प्रयोग करें। दूसरे स्प्रे मे सूक्ष्म पोषक तत्व व इमिडाक्लोप्रिड का प्रयोग करें।