पूरे विश्व में भारत की सत्य सनातन वैदिक संस्कृति की गूंज: सोमदत्त भारद्वाज

पूरे विश्व में भारत की सत्य सनातन वैदिक संस्कृति की गूंज: सोमदत्त भारद्वाज

••गल्हैता गांव में यजुर्वेद पारायण यज्ञ 

संवाददाता मनोज कलीना

बिनोली। क्षेत्र के गल्हैता गांव में चल रहे यजुर्वेद पारायण यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को आसपास के गांव से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने वेद मंत्रो के साथ आहुति देकर पुण्य अर्जित किया। आयोजन में पहुंचे वैदिक विद्वानो ने प्राचीन वैदिक संस्कृति की महत्ता बताई। 

आयोजन में फ्रांस से आये वैज्ञानिक डा सोमदत्त भारद्वाज ने वेदोपदेश करते हुए कहा कि, यज्ञ इसलिए जरूरी है कि हमारे ऋषि मुनियों की संस्कृति ,दान संगतिकरण और देवपूजा से परिणीत है।वैदिक संस्कृति को ही संसार के समस्त प्राणियों के कल्याण के लिए सर्वप्रथम माना है। कहा कि, वेद सार्वभोमिक सिद्धान्तों के कारण आज वैदिक संस्कृति पूरे विश्व में प्रासंगिक बनती जा रही है। पूर्व में जहां एक तरफ विश्व के पश्चिमी देश वैदिक संस्कृति का विरोध करते थे, उन्होंने भी वैदिक संस्कृति को अंगीकार कर लिया है। 

पूर्व प्रधानाचार्य आ विनोद शास्त्री, यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य जयवीर दत्त शास्त्री योगाचार्य अरविंद शास्त्री व कर्मकाण्ड के विद्वान आ धनकुमार शास्त्री आदि वैदिक विद्वानों ने समाज की युवा पीढ़ी के भटकाव पर चिंता व्यक्त की तथा कहा, आज की युवा पीढ़ी वैदिक संस्कृति से पृथक हो रही है,जिसके मूल में समाज और राष्ट्र का भारी हानि है। विद्वानो ने कहा कि हमे युवा पीढ़ी को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से बलिष्ट बनाना होगा। कपिल शास्त्री व अमरेश शास्त्री ने वेदपाठ किया। भजनोपदेशक सविता आर्या व सोमपाल आर्य ने अपने मधुर भजनो से श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। सतपाल त्यागी, रेखा त्यागी, बीना त्यागी, निकुंज त्यागी यज्ञमान रहे। आकाश त्यागी, सागर त्यागी, रामवतार त्यागी, कृष्ण त्यागी, राजपाल प्रधान, अजय त्यागी आदि मौजूद रहे।