महामंडल विधान में अविरल आराधना, तप से ही बनेगा मानव जीवन सार्थक: आर्यिका सुज्ञानमती

महामंडल विधान में अविरल आराधना, तप से ही बनेगा मानव जीवन सार्थक: आर्यिका सुज्ञानमती

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली।बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में चल रहे 8 दिवसीय श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान में मंगलवार को श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर श्रीफल समर्पित किये।

बता दें कि, आर्यिका सुज्ञानमति माताजी, आर्यिका दयामति माताजी एवं क्षुल्लिका अक्षतमति माताजी के सानिध्य और विधानाचार्य पं अंकित शास्त्री के निर्देशन में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान आराधना अविरल चल रही है।सुबह जिनेंद्र भगवान का अभिषेक किया गया तथा विश्वशांति की मंगल में कामना से दिव्य मंत्रों के द्वारा शांतिधारा की गई। जम्बूप्रसाद जैन, राकेश कुमार जैन व राजीव जैन, गीता जैन शांतिधारा के पुण्यार्जक परिवार के रूप में शामिल रहे। 

इस अवसर पर विदुषी आर्यिका सुज्ञानमती माताजी ने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में तपस्या करता है उसका जीवन महान होता है। बिना तप के आज तक किसी ने पूज्यता प्राप्त नहीं की है।कहा कि, व्यक्ति को जन्म जरा और मृत्यु से छूटने, संसार रूपी सागर से पार होने व अपने को उत्कृष्ट बनाने हेतु तप के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। तप से ही मानव जीवन सार्थक होता है। आयोजन में सारिका जैन, शोभित जैन, अरुणा जैन, रोहित जैन, आयुषी जैन, राजीव जैन, गीता जैन, सुमित प्रकाश जैन, प्रमिला जैन, ऋषभ जैन आदि मौजूद रहे।