आचार संहिता लागू होने से पहले पैसे को ठिकाने लगाने की कवायद में तेजी, हो रहें हैं स्थानीय निकायों में जोरशोर से काम
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत | प्रदेश भर में जहाँ स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं वहीं 55-57 महीने तक धीमी गति से विकास कार्यों को अंजाम देने वाले जन प्रतिनिधि भी बाकी के अपने कार्यकाल में विकास की गंगा बहाते दिख रहे हैं |
जनपद की सभी नगर पालिका परिषद् और क्षेत्र पंचायत में जल्दी जल्दी विकास कार्यों को स्वीकृत कराते हुए सामान्य औपचारिकता पूरी कर अपने नाम के विकास कार्य का शिलापट्ट लगाने की मुहिम तेज कर दी गई है |
जनपद की बागपत, बड़ौत, खेकड़ा नगर पालिका परिषद् हों चाहे छपरौली, टीकरी, दोघट, अग्रवाल मंडी टटीरी और अमींनगर सराय की नगर पंचायतों में जनप्रतिनिधियों की निगाहें मेहरबान हो रही हैं | ऐसे में प्रायः सभी में नाली, खडंजे , पुलिया से लेकर छोटे छोटे कार्यों को भी पूरा कराने की होड लगी है |
दूसरी ओर लोगों का यह भी कहना है कि, जल्दी जल्दी में कराए जा रहे कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी तथा योजनाबद्ध सही तरीके से निर्माण के चलते यह सब खेल प्राप्त बजट को ठिकाने लगाने के लिए किए जा रहे हैं | वहीं निर्माण कार्य से जुड़े एक अनुज्ञापी ठेकेदार का कहना है कि, सरकार अथवा विभाग भी साढ़े चार साल तक जो बजट मुहैया नहीँ कराता, वह इन बाद के छ: महीनों में उपलब्ध कराता है | ऐसे में आचार संहिता से पहले बजट को ठिकाने लगाने के लिए काम पूरा करने की जल्दी के चलते काम में भी तेजी आ जाती है |