लाक्षागृह व कब्रिस्तान पर नहीं हुआ फैसला, अब 12 सितंबर को होगी सुनवाई

लाक्षागृह व कब्रिस्तान पर नहीं हुआ फैसला, अब 12 सितंबर को होगी सुनवाई

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बड़ौत । तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत बरनावा के प्राचीन व ऐतिहासिक टीले को लेकर 53 साल से चल रहे वाद में फैसला नहीं आ सका, जिसमें अब 12 सितंबर की सुनवाई होगी ।

बता दें कि, कोर्ट का फैसला ही टीले पर महाभारतकालीन लाक्षागृह या कब्रिस्तान का होना तय करेगा।हालांकि इसमें अब कोर्ट से मौके का मुआयना कराने की अपील की जासकती है।उल्लेखनीय है कि, बरनावा के रहने वाले मुकीम खान ने वर्ष 1970 में मेरठ की अदालत में वाद दायर किया था ,जिसमें उन्होंने लाक्षागृह गुरुकुल के संस्थापक ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज को प्रतिवादी बनाया था। वादी मुकीम खान और प्रतिवादी कृष्णदत्त महाराज का निधन हो चुका है और दोनों पक्ष से अन्य लोग पैरवी कर रहे हैं। अब यह मामला बागपत में सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम की कोर्ट में चल रहा है। जिसमें एक पक्ष से अय्यूब, मुन्ना व अन्य और दूसरे पक्ष से गांधी धाम समिति के प्रबंधक राजपाल त्यागी वकीलों के माध्यम से कोर्ट में अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत कर चुके हैं। केस अब फैसले पर आ चुका हैं। इसमें बुधवार की तारीख लगी थी, लेकिन अब इसमें 12 सितंबर को सुनवाई की तारीख लग गई है। 

वाद दायर करने वाले पक्ष मुकीम खान की तरफ से वाद दायर करते हुए कहा गया था कि, बरनावा में प्राचीन टीले पर शेख बदरुद्दीन की दरगाह और कब्रिस्तान है। वह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज होने के साथ ही रजिस्टर्ड है। उसमें कहा गया था कि, कृष्णदत्त महाराज बाहर के रहने वाले हैं और वह कब्रिस्तान को खत्म करके हिंदुओं का तीर्थ बनाना चाहते हैं। इस पक्ष के वकील शाहिद अली का कहना है कि, उनकी तरफ से सभी साक्ष्य कोर्ट में दिए हुए हैं और उसके आधार पर फैसला होने की उम्मीद है।