छात्र-छात्राओं ने किया पंतजलि योगपीठ का शैक्षिक भ्रमण।

महालक्ष्मी डिग्री कॉलेज के आयुर्वेदिक फार्मेसी और आयुर्वेदिक नर्सिंग के छात्र छात्राओं द्वारा उत्तराखंड स्थित पंतजलि योगपीठ का शैक्षिक भ्रमण किया गया।

छात्र-छात्राओं ने किया पंतजलि योगपीठ का शैक्षिक भ्रमण।

मवाना: महालक्ष्मी डिग्री कॉलेज के आयुर्वेदिक फार्मेसी और आयुर्वेदिक नर्सिंग के छात्र छात्राओं द्वारा उत्तराखंड स्थित पंतजलि योगपीठ का शैक्षिक भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं ने पंतजलि में स्थित आयुर्वेदा हॉस्पिटल के अंदर सभी प्रक्रियाओं और किस-किस तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है, सभी का गहनता से विश्लेषण किया। छात्र-छात्राओं ने पतंजलि स्थित लाइब्रेरी,परिधान, पंतजलि मेगामार्ट, दाना-पानी कैंटीन और बनाई गई कलाकृति का भी भ्रमण किया इसके अलावा छात्र-छात्राओं ने पतंजलि में स्थित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का भी भ्रमण किया और वहां पर बनने वाली तमाम आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में गहनता से जानकारी प्राप्त की।


छात्र-छात्राओं ने इस भ्रमण को अपने लिए बेहद ही शिक्षाप्रद बताया।
कॉलेज चेयरमैन डॉ. प्रवीण मित्तल ने कहा कि आयुर्वेदिक फार्मेसी और आयुर्वेदिक नर्सिंग के विद्यार्थियों के लिए यह भ्रमण अत्यंत लाभकारी होगा उन्होंने कहा कि पंतजलि भारत ही नहीं विश्व में भी अनेक छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्धारण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, क्योंकि भारत प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद का प्रचारक रहा। उन्होंने कहा कि पंतजलि आयुर्वेद के माध्यम से समाज को हानिकारक दवाइयों से बचाने का कार्य भी कर रहा है, इसी के तहत महाविद्यालय के आयुर्वेदिक फार्मेसी और आयुर्वेदिक नर्सिंग के छात्र-छात्राएं भी आगे चलकर समाज को बेहतर इलाज और बेहतर दवाई दे सके इसी को ध्यान में रखते हुए यह भ्रमण सभी विद्यार्थियों के लिए कारगर होगा। 


कॉलेज निदेशक डॉ. मोहित यादव ने भ्रमण के लिए विभाग के शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के भ्रमण से छात्र-छात्राओं में नई ऊर्जा का संचार होगा, क्योंकि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ विचार आते है। उन्होंने कहा कि जब से कोरोना जैसी महामारी ने विश्व को जकड़ा है,तब से पूरे विश्व के लिए भारत आशा की नई किरण के रूप में विश्वपटल पर उभर कर आया है। क्योंकि आयुर्वेद के चमत्कार ने ही इस महामारी के दौरान अलग-अलग प्रकार से लोगो की जान बचाई है। इसलिए आप सभी छात्र-छात्राओं को अपनी आयुर्वेद की परंपरा पर गर्व करते हुए आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि आप सभी आयुर्वेद का आने वाला कल हो।
कॉलेज रजिस्ट्रार संदीप कुमार ने कहा कि अगर आयुर्वेद स्वस्थ है, तो हम स्वस्थ है। इसलिए अपनी इस परंपरा को बनाए रखना होगा तभी हम आयुर्वेद को बचा सकते है और आने वाली पीढ़ी को आगे दे सकते है।

भ्रमण को सफल बनाने में नीपा चौधरी, संजीव कुमार,अरुण गुप्ता,ज्योति त्यागी,विशाखा चहल और शिवकुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।