दिव्यांगता को मात देकर जीत रहा है सेड़भर का आदित्य छौक्कर

दिव्यांगता को मात देकर जीत रहा है सेड़भर का आदित्य छौक्कर

मजदूर पिता और सुविधाओं का अभाव, संसाधन और वजीफे की दरकारसंवाददाता अजय कुमार

बालैनी | कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का, इस फिल्मी गाने को यथार्थ में जीवंत कर रहे हैं दिव्यांग आदित्य छौक्कर | आदित्य ने राष्ट्रीय पैरा एथलिटिक्स प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर अपने मजबूत इरादों पर लोगों की प्रशंसा की मुहुर लगवा दी है ।महाराष्ट्र के पुणे में 16 मार्च से शुरू हुई चार दिवसीय 21वीं राष्टीय पैरा एथलिटिक्स प्रतियोगिता में आदित्य छौक्कर ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए आदित्य छौक्कर ने गोला फेंक में सिल्वर मेडल प्राप्त किया।

बता दें कि,आदित्य छौक्कर के पिता राकेश एक मजदूर हैं ऐसे में छोटे से गांव सैडभर का आदित्य जनपद बागपत को अपनी प्रतिभा के प्रकाश से रोशन करने के लिए प्रयासरत है | बता दें कि , आदित्य छौक्कर ने बिना किसी फैसेलिटी के तैयारी की और मंजिल की ओर बढ चला।आदित्य छौक्कर ने अपनी कामयाबी के लिए अपने कोच योगेश यादव की बेहतरीन कोचिंग को श्रेय दिया है और उनको धन्यवाद दिया। आदित्य छौक्कर भविष्य में भी प्रतिनिधित्व करना चाहता है ,जिसके लिए प्रदेश सरकार से गुहार लगा रहे हैं, ताकि आदित्य छौक्कर अपने देश का मस्तक विदेश में भी ऊंचा कर सके।

 प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता

इससे पहले 2019 में आदित्य ने 2 गोल्ड मेडल भाला फेंक और गोला फेंक में प्राप्त किए तथा 2020 में कोरोना कोई प्रतियोगिता नहींं हुई, लेकिन उसकी तैयारी बराबर जारी रही।2021 में गोला फेंक मे 1 गोल्ड और भाला फेंक मे 1 सिल्वर मेडल हासिल करते हुए सबकी प्रशंसा का पात्र बना। 2022 में 2 सिल्वर मेडल भाला फेंक और गोला फेंक में हासिल करने के बाद अब 2023 में भी 2 सिल्वर मेडल भाला फेंक और गोला फेंक में जीत सका है |

आदित्य छौक्कर का कहना है कि, यदि उसे संसाधन, सुविधा और प्रोत्साहन हेतु वजीफा आदि मिले तो वह पेरा एथलेटिक्स में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर लाने के इरादे रखता है |