बाल विवाह के खिलाफ चित्रकूट में बड़ा अभियान: जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए हुई अहम बैठक।

बाल विवाह के खिलाफ चित्रकूट में बड़ा अभियान: जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए हुई अहम बैठक।

चित्रकूट। जिलाधिकारी श्री शिवशरणप्पा जी एन के निर्देशानुसार जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए केशरवानी धर्मशाला, बस स्टैण्ड कर्वी में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री पंकज कुमार मिश्रा के नेतृत्व और बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. सौरभ सिंह की अध्यक्षता में विवाह आयोजकों, सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।

खरमास समाप्ति के बाद विवाह समारोहों में बाल विवाह की संभावनाओं को रोकने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गई। इसमें कर्मकांडी ब्राह्मण, नाई, बैंड पार्टी, हलवाई, टेंट हाउस संचालक और अन्य आयोजकों को हिदायत दी गई कि विवाह से पूर्व वर की आयु 21 वर्ष और वधु की आयु 18 वर्ष से अधिक होने का प्रमाण प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

बैठक में दिए गए निर्देश

बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. सौरभ सिंह ने स्पष्ट किया कि किसी भी कार्यक्रम में बाल विवाह की पुष्टि होने पर आयोजक परिवारों और सहयोगी प्रतिष्ठानों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। धर्मशालाओं, लॉज, मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और चर्च प्रबंधकों को निर्देश दिया गया कि वे विवाह स्थल पर वधु पक्ष द्वारा दिए गए उपहारों की सूची सार्वजनिक रूप से चस्पा करें।

बैठक में शामिल अधिकारी और प्रतिनिधि

इस बैठक में बाल संरक्षण इकाई के साथ-साथ श्रम अधिकारी महेंद्र शुक्ला, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने के सदानंद इंस्पेक्टर और त्रिभुवन सिंह, समाजसेवी ममता वर्मा, राम सागर (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण), पंडित टोटू शास्त्री, चंद्र किशोर सविता, और दीपक सविता समेत अन्य प्रतिष्ठान संचालक उपस्थित रहे।

सामूहिक प्रयास का आह्वान

बैठक में उपस्थित सभी से अपील की गई कि जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाने के इस अभियान में सहयोग करें। हर विवाह में वर-वधु की उम्र की प्रमाणिकता सुनिश्चित करना और बाल विवाह रोकने के लिए सजग रहना अनिवार्य है।

चित्रकूट को बाल विवाह मुक्त बनाने के इस महत्वपूर्ण प्रयास में प्रशासन ने समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की है।