डिजिटल योद्धाओं की नई फौज: छात्र-छात्राओं को बनाया गया साइबर जागरूक।
चित्रकूट: फेक न्यूज और साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए गोस्वामी तुलसीदास स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को ‘‘डिजिटल वॉरियर‘‘ बनने के लिए प्रशिक्षित किया गया, ताकि वे समाज में साइबर अपराध और भ्रामक खबरों के खिलाफ अपनी भूमिका निभा सकें।
डिजिटल क्रांति में युवाओं की भूमिका
कार्यशाला का आयोजन उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के उस निर्देश के तहत किया गया, जिसमें युवाओं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को "डिजिटल वॉरियर" बनाकर साइबर अपराध और फेक न्यूज के खिलाफ अभियान छेड़ने की योजना है। पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह के निर्देशन और नोडल अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक साइबर सेल निशिकान्त राय ने इस कार्यशाला का संचालन किया।
क्या सिखाया गया?
साइबर सेल टीम ने छात्रों को यह सिखाया कि डिजिटल माध्यमों पर किसी भी खबर की सत्यता की जांच कैसे करें। उन्हें बताया गया कि अफवाहों और भ्रामक खबरों से कैसे बचा जाए और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनते हुए साइबर अपराधों को रिपोर्ट करने की प्रक्रिया समझाई गई।
छात्रों को जागरूक करने के साथ-साथ समाज में इस जागरूकता को फैलाने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्हें सलाह दी गई कि वे अपने परिवार और दोस्तों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करें और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सावधानीपूर्वक संवाद करें।
साइबर क्लब की स्थापना
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय में "साइबर क्लब" स्थापित करने की घोषणा की गई। इस क्लब का उद्देश्य छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे साइबर अपराधों के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर सकें। एक शिक्षक को इस क्लब का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया, जो छात्रों को मार्गदर्शन देंगे।
छात्रों की प्रतिक्रिया
कार्यशाला में शामिल छात्र-छात्राओं ने इसे बेहद उपयोगी और प्रासंगिक बताया। एक छात्रा ने कहा, "इस तरह की जानकारी हमें न केवल डिजिटल दुनिया में सतर्क बनाती है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित भी करती है।"
भविष्य की ओर कदम
यह कार्यशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज में डिजिटल जागरूकता फैलाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। "डिजिटल वॉरियर" बनने का यह अभियान युवाओं को न केवल साइबर अपराध से लड़ने के लिए सक्षम बनाएगा, बल्कि एक जिम्मेदार डिजिटल नागरिक के रूप में उनकी पहचान भी मजबूत करेगा।
इस पहल से उम्मीद की जाती है कि चित्रकूट के युवा, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सत्य और सुरक्षा के संवाहक बनेंगे और समाज को फेक न्यूज व साइबर अपराधों से बचानेमें अहम भूमिका निभाएंगे।