भू दृष्टि फाउंडेशन ने जंक और फास्ट फूड के बदले देसी व्यंजनों के बढावे के लिए की प्रतियोगिता
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत। फास्ट फूड और तीव्र मसालों के जरिये स्वाद के साथ साथ बीमारी भी जो व्यंजन परोस रहे हों,उन सबको धता बताते हुए ग्रामीण महिलाओं ने एक से एक स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन प्रतियोगिता में शामिल होकर अपने परम्परागत खानपान को अपनाने का आह्वान किया।
धनतेरस पर भू दृष्टि फाउंडशन की वरिष्ठ कार्यकर्त्री सोनिया टंडन ने गाँव शिकोहपुर मे भोजन प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें दूसरे गाँवों से भी महिलाओ ने बढ़चढकर भाग लिया और झटपट में स्वादिष्ट व पौष्टिक व्यंजन बनाकर उनके आकर्षण और खुशबू से सभी को चखने के लिए मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि व भू दृष्टि फाउंडेशन की संस्थापक चेयरपर्सन कुसुम चौहान तथा नाबार्ड से एमआईईसीएस निदेशक गौरव त्यागी ने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे आयोजनों के द्वारा ही फास्ट व जंकफूड जैसे बीमारू खाने से छुटकारा पाया जा सकता है और स्वस्थ व निरोगी भारत का सपना साकार किया जा सकता है।
प्रतियोगिता में कविता देवी को मास्टर सैफ प्रथम , दूसरे स्थान पर पवित्रा तथा तीसरे स्थान पर उषा देवी को चुना गया। इस अवसर पर नाबार्ड की तरफ से फ्री में ट्रेनिंग देने का भी वादा निदेशक गौरव त्यागी द्वारा किया गया। कुसुम चौहान ने सभी को गिफ्ट देकर सम्मनित किया।